लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी कोर्स में दाखिले को लेकर छात्र सौरभ सिंह उर्फ बजरंगी व उसके अन्य साथियों की प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह से भिड़ंत हो गई। प्रॉक्टर ने छात्र पर अभद्रता करने का आरोप लगाकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। उनका कहना था कि पिछले वर्षो में मारपीट व अभद्रता के नौ मामलों में आरोपित इस छात्र का दाखिला नियमों के तहत रोका गया है। उधर छात्र ने अपने ऊपर झूठे आरोप लगाकर फंसाने का आरोप लगाया।
लविवि में शुक्रवार को पीजी कोर्स में दाखिले के लिए छात्र सौरभ सिंह प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचा। उसके साथ अन्य छात्र भी थे। प्रॉक्टर से छात्र ने काउंसिलिंग में शामिल करवाने की मांग की। इस पर प्रॉक्टर ने छात्र को बताया कि वह उसे नोटिस भेज रहे हैं और वह मारपीट व अभद्रता के करीब नौ मामलों में आरोपी है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन उसे दाखिला नहीं देगा। प्रॉक्टर का कहना है कि छात्र इस बात से नाराज हो गया और अभद्रता करने लगा, जिस कारण उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। फिलहाल आरोपित छात्र को पुलिस पकड़कर हसनगंज थाने ले गई। सौरभ पर हॉस्टल से लेकर कैंपस व आइटी कॉलेज तक अलग-अलग मारपीट के मामले दर्ज हैं। उधर छात्र के पक्ष में कई छात्र हसनगंज थाने भी पहुंचे और उन्होंने प्रॉक्टर पर आरोप लगाया कि वह इसे झूठे मामले में फंसा रहे हैं।
दाखिला को लेकर चल रहा विवाद
कुछ दिन पहले प्रॉक्टोरियल टीम के सदस्यों को परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था। उन पर पथराव भी हुआ था । 12 से ज्यादा शिक्षक चोटिल हो गए थे। उपद्रवियों ने कुलपति प्रो. एसपी सिंह को भी नहीं बख्शा और उनके साथ भी बदसलूकी की गई थी। घटना के विरोध में विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ पूर्व छात्रों को नए शैक्षिक सत्र में दाखिला देने पर रोक लगाई है। इसके विरोध में विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किया गया था।
कुलपति और एसएसपी हाईकोर्ट में तलब हुए थे
लखनऊ विश्वविद्यालय में हुए मारपीट के मामले में हाइकोर्ट ने कुलपति एसपी सिंह, प्रॉक्टर विनोद सिंह समेत एसएसपी दीपक कुमार लखनऊ को तलब किया था। इसके बाद डीजीपी ने लखनऊ रेंज के आईजी को जांच के आदेश दिए। सीओ महानगर को हाटने के साथ ही विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज सस्पेंड कर दिया। इसके बाद एसएसपी दीपक कुमार का तबादला कर दिया गया।