भारतीय सेना के उच्च सूत्रों ने 28-29 सितंबर की रात सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक का ब्यौरा साझा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग की गई और किन परिस्थितियों में इसे अंजाम दिया गया। 28-29 सितंबर की अंधेरी रात में हथियारों से लैस 30 जाबांज भारतीय कमांडो दुश्मनों के रडारों की पकड़ से खुद को बचा कर पैराशूट के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पाक अधिकृत कश्मीर(पीओके) के पहाड़ी इलाके में उतरें। जवानों का लक्ष्य एकदम साफ था आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना।
- 23 सितंबर की रात प्रधानमंत्री मोदी रायसीना हिल के साउथ ब्लॉक स्थित भारतीय सेना के टॉप सीक्रेट वॉर रूम में पहुंचे।
- इस बैठक में रॉ के सेक्रेटरी राजेंदर खन्ना, इंटेलीजेंस ब्यूरो निदेशक दिनेश्वर शर्मा और एनटीआरओ चीफ आलोक जोशी भी उपस्थित रहें।
- इस बैठक में तीनों सेना प्रमुखों और एनएसए ने भारत की अगली कार्रवाई के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
- 26 सितंबर को एनएसए डोभाल ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों और इंटेलीजेंस हेड्स के साथ बैठक की।
- बैठक में 250 किलोमीटर के दायरे में आठ ठिकानों पर एक साथ धावे की डिटेल्स को अंतिम रूप दिया गया।
ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइकः
- अमावस्या से पहले की अंधेरी रात में शुरू हुआ सेना का ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक।
- लगभग 35,000 फीट की ऊंचाई से फुर्ती के साथ जमीन पर इस तरह से उतरें कि किसी को जरा भी भनक ना लगे।
- इसी दौरान स्पेशल फोर्सेज के 7 दस्ते एलओसी के पार पाक बैरीकेड्स से जमीन पर रेंग कर आगे बढ़ गए।
- ये आठ टीमें बिना किसी आहट के अपने लक्ष्य़ की ओर अग्रसर होते हुए आतंकी ठिकानो तक पहुंच गयीं।
- पैरा कमांडो टेवर 21 और एके-47 असाल्ट राइफल्स के साथ रॉकेट प्रोपेल्ड गन्स और रूसी थर्मोबेरिक हथियारों से लैस थे।
- उसके बाद फिर यहां जो दृश्य हुआ, उसने पाकिस्तान की नींद हराम कर दी।
- आतंकी ठिकानों पर पहुंचकर जाबांजों ने अचानक की धमाके और स्मोक बमों की बौछार के साथ गोलीबारी शुरू कर दी।
- पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को भ्रम में रखने के लिए रात करीब ढाई बजे उनकी चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी करना शुरू की गई।
इस शहर में दी गई थी सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल जांबाज जवानों को ट्रेनिंग!
- पाकिस्तानी सैनिकों की और से भी जवाबी फायरिंग हुई।
- इस फायरिंग के बीच भारतीय कमांडो ने लौटना शुरू किया, उनकी तरफ पाकिस्तानी सैनिकों का ध्यान ही नहीं गया।
- सूत्र ने बताया कि भारतीय सेना अपने उद्देश्य में पूरी तरह कामयाब रही।
- सभी कमांडो 29 सितंबर को सुबह 9 बजे तक अपने अपने बेस में लौट आए।
- ऑपरेशन की समीक्षा के लिए सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई गई।
- सुबह 11 बजे डीजीएमओ ने प्रोटोकॉल के तहत को भारत के कामयाब ऑपरेशन से अवगत कराया गया।
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