2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा बसपा और रालोद मिलकर इस समय महागठबंधन बनाकर भाजपा को रोकने के रणनीति बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के विजय रथ से सभी दल चितित हैं और सभी यही कारण है कि सभी दल एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को रोकने की तैयारी में लग गए हैं। इस बीच विपक्ष के एक बड़े दल के मुखिया ने 2019 का चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
अजित सिंह ने किया चुनाव न लड़ने का ऐलान :
आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए बागपत पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह ने अचानक अपने ऐलान से सभी को चौंका दिया। बागपत में रालोद मुखिया अजित सिंह ने ऐलान किया कि वह 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। अजीत सिंह के इस ऐलान को उनका सक्रिय राजनीति से सन्यास माना जा रहा है। उन्होंने अब पार्टी की कमान अपने बेटे और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को सौंप दी है। अजीत सिंह ने कहा कि अब मेरी उम्र 80 वर्ष हो गयी है तो अब मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महागठबंधन में चुनाव लड़ना हर पार्टी की मजबूरी बन गयी है। उन्होंने कहा कि इस वक्त जो कोई पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, वह समाप्त हो जाएगी।
बीजेपी पर साधा निशाना :
केंद्र सरकार में 2 बार मंत्री रह चुके अजीत सिंह ने भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में राहुल गाँधी द्वारा पीएम से गले मिलने पर उन्होंने कहा कि राहुल की झप्पी का पीएम नरेंद्र मोदी जवाब नहीं दे पाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में हुई डिबेट के बाद लोगों ने मान लिया है कि अब नरेंद्र मोदी की हार तय है। बागपत के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में अजित सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में चुनिंदा कार्यकर्ताओं को चौधरी अजित सिंह से मिलने इजाजत दी गई।