2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने सत्ता में अपनी वापसी के लिए अभी से कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है और उन्हें चुनावी मंत्र देना शुरू कर दिया है। यूपी में बनने वाला सपा-बसपा और कांग्रेस का संभावित महागठबंधन भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकता है। यही कारण है कि दोनों दलों के गठबंधन से नाराज नेताओं में सेंधमारी की भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा और बसपा के कई बड़े नेता इन दिनों भाजपा के संपर्क में बताये जा रहे हैं जिसके बाद नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं।
भाजपा के लिए है बड़ी चुनौती :
2014 में यूपी में 73 सीट जीतने वाली बीजेपी के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना बेहद कठिन है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के बल पर बीजेपी का फिर से उतनी सीटें जीत पाना काफी मुश्किल है। इसके अलावा यूपी में तीन दर्जन से अधिक ऐसे सांसद है जो चुनाव जीतने के बाद जनता के बीच नहीं गये हैं। इसके साथ ही अधिक आयु वाले सांसदों को टिकट कटना तय है। सूत्रों के अनुसार, यूपी में बीजेपी अपने 30 से ज्यादा सांसदों का टिकट काट सकती है। ऐसे में इन सांसदों की जगह भाजपा बाहर से आये प्रत्याशी की जगह वर्तमान विधायक को मौक़ा दे सकते है जो आज तक बिना पीएम मोदी की लहर में भी चुनाव जीतते आये हैं।
कई नेता हैं बीजेपी के संपर्क में :
बीजेपी के पास यूपी में 300 से ज्यादा विधायक है। ऐसे में कुछ विधायकों को संसद में भेजने से बहुमत पर गलत असर नहीं होगा। ऐसे में बीजेपी अपने दमदमार विधायकों पर दांव खेल सकती है। पीएम मोदी लगातार यूपी का दौरा कर रहे है और जनता की नब्ज को टटोल रहे हैं। बीजेपी ने यूपी चुनाव जीतने से पहले सपा व बसपा के कई नेताओं को पार्टी में शामिल किया था। लोकसभा चुनाव के पहले भी ऐसा होने वाला है। सपा व बसपा गठबंधन से कई नेता नाराज है जो बीजेपी के संपर्क में है। बीजेपी अभी इन नेताओं को लेकर खुलासा नहीं कर रही है। समय आने पर इन नेताओं को पार्टी में शामिल करने वाली है जिससे संसदीय चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों की संख्या बढ़ जाये।