रविवार को एक शख्स ने कई दिनों से हिरन को बंधक बनाकर रखा था. जिसके बाद स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दे दी. मामले का पता चलने पर हिरन को देखने वालो की भीड़ जमा हो गयी. मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने हिरन को कब्जे में ले लिया है. वन विभाग की टीम हिरन के बच्चे को अपने साथ कानपुर प्राणी उद्यान लेकर गयी है .
1 हफ्ते से बंद बांधकर रखा घर में हिरण:
कानपूर के बर्रा थाना क्षेत्र स्थित विश्व बैंक में रहने वाले चन्द्र शेखर ने पिछले एक हफ्ते से घर के बाड़े में हिरन के बच्चे को बंधक बनाकर रखा था. जब स्थानीय लोगो की इस बात की भनक लगी कि घर पर हिरन का बच्चा कैद है, तो इसकी सूचना किसी ने पुलिस और वन विभाग के अधिकारियो को देदी .
जिसके बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग ने हिरन के बच्चे को अपने कब्जे ले किया. हिरन को बंधक बनाने वाले चन्द्र शेखर ने बताया कि मैं मूल रूप से सजेती थाना क्षेत्र स्थित कुठरा मकनपुर का रहने वाला हूँ, जो यमुना नदी का किनारा है और उसके आसपास बहुत बड़ा जंगल है.
जिसके बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग ने हिरन के बच्चे को अपने कब्जे ले किया. हिरन को बंधक बनाने वाले चन्द्र शेखर ने बताया कि मैं मूल रूप से सजेती थाना क्षेत्र स्थित कुठरा मकनपुर का रहने वाला हूँ, जो यमुना नदी का किनारा है और उसके आसपास बहुत बड़ा जंगल है.
वन विभाग ने लिया हिरन को कब्जे में:
उनसे बताया कि वहां पर कई जंगली जानवर रहते है. कुछ लोग खेत पर काम कर रहे थे तभी उन्हें एक गड्ढे में यह हिरन घायल अवस्था में मिला था. इसे किसी जंगली जानवर ने घायल किया था.
चंद्र शेखर ने बताया कि ग्रामीणों ने गिरण मिलने की सूचना डायल 100 पर पुलिस को दे दी थी. इसके बाद वहां पर वन विभाग के लोग भी पहुंचे थे. वन विभाग के लोगों ने हिरन मलखान सिंह को सौप दिया था और कहा कि इसका इलाज करा कर जंगल में छोड़ देना .
मलखान सिंह हमारे खेतो की देख रेख और अनाज बोने का काम करता है. मलखान सिंह के घर पर हिरन की कोई देख रेख करने वाला नही था, तो चंद्र शेखर हिरन को अपने साथ कानपुर ले आया. उसने बताया कि हिरन के बच्चे का इलाज करवाया और देख रेख कर रहा था .
चंद्र शेखर ने बताया कि ग्रामीणों ने गिरण मिलने की सूचना डायल 100 पर पुलिस को दे दी थी. इसके बाद वहां पर वन विभाग के लोग भी पहुंचे थे. वन विभाग के लोगों ने हिरन मलखान सिंह को सौप दिया था और कहा कि इसका इलाज करा कर जंगल में छोड़ देना .
मलखान सिंह हमारे खेतो की देख रेख और अनाज बोने का काम करता है. मलखान सिंह के घर पर हिरन की कोई देख रेख करने वाला नही था, तो चंद्र शेखर हिरन को अपने साथ कानपुर ले आया. उसने बताया कि हिरन के बच्चे का इलाज करवाया और देख रेख कर रहा था .
प्राणी उद्यान हिरन को भेजा:
वन विभाग की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में हिरन को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग अधिकारी रामकुमार के मुताबिक यह जंगली जानवर है और किसी भी जंगली जानवर को पालने का अधिकार नही है.
यदि इसको पकड़ा था तो इसे प्राणी उद्धान या फिर वन विभाग के सुपुर्द करना चाहिए था. लेकिन इन्होने इसका इलाज कराया और उसकी जान बचाई यह तो ठीक बात है लेकिन इसे घर पर पाल नही सकते है. इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी
यदि इसको पकड़ा था तो इसे प्राणी उद्धान या फिर वन विभाग के सुपुर्द करना चाहिए था. लेकिन इन्होने इसका इलाज कराया और उसकी जान बचाई यह तो ठीक बात है लेकिन इसे घर पर पाल नही सकते है. इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी
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