उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आते ही गायों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीर हो गया. सरकार ने भरसक प्रयास किये ताकि प्रदेश में गौ हत्या को रोका जा सके. लेकिन आगरा में एक गौशाला में 600 गायों की स्थिति बेहद दयनीय है. गाय नालों का पानी और गंदगी में रह रही हैं. उनकी सुध लेने वालों के पास उनके लिए समय ही नहीं.
बल्केश्वर रोड के पास बनी गौशाला सोसायटी मे 600 गायें बदहाल:
ताजनगरी आगरा में गौशाला के बुरे दिन चल रहे हैं. बल्केश्वर रोड के पास बनी गौशाला सोसायटी में गाय गन्दगी में जीने को मजबूर हैं. गौशाला में तकरीबन 600 गायें हैं. लेकिन इन गायों की देख रेख करने वाला और इनकी जिम्मेदारी इमानदारी से उठाने वाला कोई नहीं हैं.
आलम ये हैं कि इन गायों को पानी तक नहीं मिलता जिस कारण गायों को नालों का पानी पीना पड़ रहा है. इतना ही नहीं चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वहीं गायों के लिए खाने की भी उचित व्यवस्था नहीं हैं.
कम खाना और गंदगी के अंबार में जी रहीं गायें:
गायों को दिन में सिर्फ दो बार ही चारा खिलाया जाता है. इस बारे में जब गौशाला में कार्यरत व्यक्ति ने बताया कि गायों को गंदगी से नुकशान हो सकता हैं लेकिन गायों की देखभाल और गौशाला की देखरेख करने का समय किसी के पास नहीं होता. उन्होंने ये भी बताया कि इनमे से एक गाय का पैर टुटा है. जिसका इलाज करवाया गया है. गायों पर जितना सम्भव है उतना ध्यान दिया जा रहा हैं. सुविधायें और व्यवस्थायें कम होंने के कारण गायों के खाने पीने में समस्या है.
बीजेपी मेयर नवीन जैन पर है देख रेख की जिम्मेदारी :
गौतलब है कि इन गायोंन की देख रेख की जीम्मेदारी आगरा के मेयर नवीन जैन की है. नवीन जैन भाजपा के मेयर है. जो भाजपा गायों के प्रति इतनी गंभीर है. उसी के शासन काल में उन्ही के मेयर की जिम्मारी के बावजूद कायों की दुर्दशा हुई पड़ी हैं. अब सवाल ये उठता है कि गायों की सुरक्षा मात्र बूचडखानों से ही करना सरकार का काम है या दर बदर भटक रही और गौशालाओं में दयनीय स्थिति में रह रही गायों के प्रति भी सरकार की जिम्मेदारी हैं.
इसके साथ ये बता देना भी जरुरी हैं कि मात्र ये काम सरकार का नहीं बल्कि आम जनता का भी है कि वे गाय हो या अन्य कोई पशु, उनके प्रति सार्थक प्रयास करें.