सावन के पूरे महीने लोग शिव की भक्ति में डूबे रहते है. आमजन के साथ-साथ कांवड़ियों का उत्साह देखते ही बनता है. चारों ओर भगवा रंग में कांवड़ियां दिखते है और बोल बम के नारे गूँज उठते है. ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने ही भगवा चादर ओढ़ ली हो. भोले की भक्ति में डूबे इन कांवड़ियों का लक्ष्य भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करना होता है. ऐसा ही नज़ारा मुज़फ्फरनगर में भी देखने को मिल रहा है.
मुज़फ्फरनगर में चढ़ा सावन का रंग:
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मुज़फ्फरनगर में कावड़ यात्रा 2018 सावन के पहले सोमवार के बाद अपनी चरम सीमा पर पहुँच गयी है । हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की और जाने वाले कांवड़ यात्री मुज़फ्फरनगर से होकर गुजर रहे है । दिल्ली देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग NH 58 पूर्ण रूप से भगवा हो चुका है.
प्रशासन भी मुस्तैद:
कांवड़ यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात हाईवे पर यातयात बंद करते हुए रूट डायवर्जन कर दिया है । इस बार जंहा कांवड़ यात्रा में देशभक्ति का जज़्बा दिखाई दे रहा है तो वंही अजब गजब कांवड़ भी लोगो का मन मोह रही है । रंग बिरंगी कांवड़ और झांकियां देखने के लिए सड़को पर शिव भक्तो की भारी भीड़ उमड़ रही है।
कांवड़ को सुन्दर और अलग दिखाने की लग जाती है होड़:
शिव भक्त बोल बम के उदघोष के साथ रंग बिरंगी कावड़ पर जल ले कर पैदल निकलते हैं और जल लेकर निकले सभी भोले के भक्त अपनी अपनी कावड़ को एक से बढ़ चढ़ कर सजाने का का काम करते है. भक्ति का आलम ऐसा होता है की लाखों रुपए शिवभक्त अपनी अपनी कांवड़ को सजाने में लगाते है ।