उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला के मुसाफिरखाना-बल्दीराय मार्ग के इसौली गांव के पास बने गोमती नदी पर पुल के बीचों-बीच मे पुल का कुछ हिस्सा धंस जाने के काऱण आये दिन राहगीरो के लिये गति अवरोधक साबित हो रहा है। कोई बड़ा हादसा न हो उच्च अधिकारियों के द्वारा इसे बड़े वाहनों के आवागमन पर दीवार बना कर रोक लगा दी गई है।
आलाधिकारियो ने किया निरीक्षण
धंसे पुल से कई लोग अचानक में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। पीडब्लूडी से चीफ इंजीनियर अनुराग चतुर्वेदी, इंजीनयर के सी वर्मा,प्रांतीय खंड-3 अमेठी से अनिल कुमार, सेतु निगम के चीफ इंजीनियर व रेलवे विभाग से अधिकारी पहुच कर धंसे हुए पुल को जांच पड़ताल की तथा तुरन्त बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के ईट दीवार बनवा दी गयी है।
बड़े वाहनों का आवागमन ज्यादा
बड़े वाहनों को इस पुल से आने जाने के लिए रोक दिया गया है। ज्ञात हो कि हलियापुर के आमघाट पुल से इसकी चौड़ाई ज्यादा होने के कारण इसी मार्ग से बड़े-बड़े वाहनों का आवागमन ज्यादा है।
तो कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
इसौली पुल से ही अमेठी, रायबरेली, फैजाबाद व सुल्तानपुर जनपद के लिए लोग छोटी बड़ी गाड़ियों से लोग आवागमन करते है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इस पुल का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा के कार्य काल मे बना था।
चौथे पीपे का बैठा बेलन
पुल का निर्माण सन 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा ने शिलान्यास किया था। 1984 में पुल बनकर तैयार हुआ था, जिसकी लागत 1 करोड़ 60 लाख रुपये जो सात पीपों पे ढाला गया था, उसी चौथे पीपे का बेलन बैठ जाने के कारण ये गति अवरोधक जैसा हो गया है।