राप्ती नदी ने खतरे का निशान किया पार,नदी के आसपास गांवों के लोग सहमे।नदी के जलस्तर में वृद्धि से लोगों की बढ़ने लगी है धड़कनें। लगातार हो रही बरसात से राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया।

नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि होने के साथ ही राप्ती नदी के किनारे बसे लोगों में हड़कंप मच गया हैं। लोग आने वाले बाढ़ की भयावह स्थिति को भांपते हुए पहले से ही सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोगों के दिल में अभी से ही बाढ़ की भयावह स्थिति का दृश्य सामने आने लगा है। बरसात शुरू होने के साथ ही राप्ती नदी के पानी मे भी तेजी आने लगी है। नदी में बढ़े हुए जल स्तर से जहां थोड़ी बहुत कटाव भी शुरू हो गया है । वहीँ लोग आने वाले बाढ़ की पूर्व तैयारियों में ही जुट गए हैं।

जमुनहा तहसील क्षेत्र के 44 बाढ़ग्रस्त गाँव के लोग जलस्तर बढ़ने के चलते बाढ़ की संभावना को देखते हुए सुरक्षित स्थान की तलाश की तैयारी कर रहे हैं। इन लोगों के द्वारा अभी से अपने आशियाने की तलाश की जा रही है। राप्ती बैराज पर रविवार शाम को खतरे के निशान 127.70 को पर कर गया। जिसके बाद गंगा भागड़,बेलरी,भरथा,हसना पुर,कथरा माफी,लक्ष्मन पुर, पोंदला,पोंदली ,भगवानपुर,पिपरा, वीरपुर,धोबिहा, हरिहरपुर करनपुर,जोगिया, शमशेरगढ़, भलुहिया,मुरावनपुरवा,गजोबरी, मोहनपुरवा, अशरफ़ा ,धर्मनगर सहित 44 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।बरसात के बाद नदी में तेजी से बढ रहे जलस्तर से नदी किनारे बसे लोग बाढ़ के भय से भयभीत नजर आ रहे है। बाढ़ से गृहस्थी बर्बाद होने के साथ खेतो में लगी फसल बर्बाद हो जाती है।

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