कहते है कि एकता में बल होता है. एकता के सहारे कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है. ऐसी ही घटना मुज़फ्फरनगर से सामने आई है जहाँ सफ़ाई कर्मियों ने अपनी एकता दिखाई और खंड विकास अधिकारी चरथावल के कार्यालय का घेराव किया.

क्या है पूरा मामला:

मुज़फ्फरनगर में चरथावल थाना क्षेत्र के क़स्बा चरथावल में स्थित खण्ड विकास अधिकारी चरथावल के कार्यालय पर बुधवार को दलित सेना के पश्चिमी प्रदेश प्रभारी राज कटारिया के नेतृत्व में सैकड़ो सफाई कर्मचारीयो ने पहुंचकर एक बैठक की और खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय पर तालाबंदी की।  साथ ही साथ सफाई कर्मचारियों को 40,000 का मिलने वाला अनुदान की माँग भी की और भ्रष्ट होने का आरोप भी लगाया। सफाईकर्मियों का आरोप है की सरकार की और से तो अनुदान आ गया है मगर यहाँ के भ्रष्ट अधिकारी मना करते है।

सफ़ाई कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी:

दलित सेना के पश्चिमी प्रदेश प्रभारी राज कटारिया ने चेतावनी दी है की अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई टी हम 20 अगस्त मुज़फ्फरनगर बंद करेंगे और कोई भी सफाई कर्मचारी कूड़ा नहीं उठाएगा। कटारिया ने चेतावनी देते हुए कहा की एक तो बाल्मीकि समाज के लिए 2011 में 40 हजार रूपये का अनुदान दिया गया था जिसमे की अधिकारियो ने कागजो में पूर्ति की हुई है।

कागजों में मिल चुका है अनुदान:

गांवो में अगर पता कर रहे है तो किसी को अनुदान का पैसा नहीं मिला और कागजो में अनुदान दे चुके है। जो बाल्मीकि समाज में सफाई कर्मचारियों का कार्य कर रहे है और दूसरी जाति के अपने घर पर पड़े हुए है और हम वाल्मीकि समाज को ये कार्य 4-5 हज़ार में करना पड़ रहा है उनकी जाँच कराई जाये और अगर हमारी बातो को नहीं माना जाता उसके लिए 20 तारीख को मुज़फ्फरनगर बंद का एलान कर दिया गया है.

हक़ मिलने तक काम बंद:

उन्होंने कहा कि तब तक कोई बाल्मीकि काम नहीं करेगा जब तक की हमारा हक़ हमे नहीं मिल जाता है। उसके लिए जेल भरो आंदोलन करना पड़े या उसके लिए रोड जाम करने पड़े या काम का बहिष्कार करना पड़े तब तक कार्य पर कोई बाल्मीकि समाज का व्यक्ति नहीं जायेगा जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।

बीडीओ ने नहीं लिया शिकायत का संज्ञान:

दलित सेना के मंडल अध्यक्ष काजल कटारिया का कहना है की मैंने 3 दिन पहले बीडीओ को बताया था की सरकार की तरफ से जो 40 हजार रूपये का बाल्मीकि समाज का अनुदान आया था जो 2013 में मैला ढोने का कार्य करते थे। लेकिन यहां के सभी अधिकारी भ्रष्ट हो चुके है सरकार की तरफ से पैसा आ चुका है लेकिन इन लोगो ने जिनकी लिस्ट बनाई है उनसे मैच नहीं हो रही है। अगर पैसा आया है तो वो गया कहाँ है?

कटारिया ने कहा कि मैं मोदी और योगी सरकार को कहना चाहूँगा कि जब आपने प्रधानमंत्री आवास योजना निकाली है की क्या ये योजनाए कागजो के लिए है या उनके ऊपर कुछ कार्यवाही भी की जा रही है? क्योकि हमारा ये समाज यहां बैठा हुआ है उनकी छते उनके घर इतने क्षतिग्रस्त है वो यहां से पलायन करने को मजबूर है। सरकार की तरफ से और यहां के ब्लॉक स्तर की तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है।

समान वेतन की मांग उठाई:

दलित सेना के पश्चिम प्रदेश प्रभारी ने कहा कि हमारी मांग ये है की जो सफाई कर्मचारियों की वैकेंसी निकलती है और उसमे जो सफाई कर्मचारियों में जो अदर कास्ट जो उसमे नौकरियां करते है, उन्हें 27 हज़ार वेतन मिलता है। लेकिन फिर भी बाल्मीकि समाज को 3-4 हज़ार ही मिलता है। काम बाल्मीकि समाज भी कर रहा है लेकिन पैसो का फ़ायदा वो लोग उठा रहे है। 20 तारीख तक अगर हमारी मांगो पर अगर ध्यान नहीं दिया गया और डीएम साहब ने अगर आदेश नहीं किये की दोबारा से कैंप लगवाया जाये और 40 हज़ार रूपये का इनका जो अनुदान जो रुका हुआ है वो मिल जाये तो 20 तारीख को पूरा मुज़फ्फरनगर बंद रहेगा.

जितने भी मुज़फ्फरनगर के चौराहे और रास्ते है सभी बंद रहेंगे और कूड़ा उठाने के लिए चाहे वो सरकारी कर्मचारी है या वो संविदा पर है कोई भी कूड़ा उठाने नहीं जायेगा या तो डीएम साहब उस कूड़े को खुद उठाने जाये या मुख्यमंत्री खुद आये।

 

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