राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिला में पिछले सालों बाबा परमानंद की करतूतों ने पूरे देश में प्रदेश का नाम शर्मसार कर दिया था। बाबा परमानंद पर निःसंतान महिलाओं को बच्चे पैदा करने के नाम पर उनके साथ ब्लात्कार करने का आरोप है। ढोंगी बाबा राम शंकर तिवारी उर्फ परमानन्द को पुलिस ने मध्यप्रदेश के सतना से दबोचा था। परमानंद पर 12 केस दर्ज किए गए। अब ये बाबा सलाखों के पीछे सजा काट रहा है। परमानंद के कारनामों से आप भलीभांति परिचित होंगे। लेकिन ऐसा ही बाराबंकी का एक और आश्रम विवादों में घिर गया है। यहां आश्रम में रह रहे ढोंगी बाबाओं पर अवैध तरीके से लड़कियां रखने का आरोप है।
जी हां! ये सुनकर आप चौंक तो जरूर गए होंगे लेकिन इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब ग्रामीणों ने एक आश्रम पर हमला बोल दिया। यही नहीं ग्रामीणों ने आश्रम में खडे़ एक चार पहिया वाहन को डंडे मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। ग्रामीणों ने वहां रह रहे साधू संतों और साध्वियों को लाठी-डंडो से पिटाई कर दी। ग्रामीणों का आरोप हैं आश्रम के पूर्व संत को मारपीट कर इन्ही ढोंगियों ने भगा दिया और उनके पुराने आश्रम बाबा मंशा पर कब्जा कर लिया हैं।ग्रामीणों का आरोप हैं उनके गांव में ये ढोंगी बाबाओं के साथ अवैध तरीके से लड़कियां रहती हैं। हालांकि बवाल की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, मसौली थाना क्षेत्र के ग्राम अमलोरा स्थित बाबा मंशाराम आश्रम का है। यहां की ब्रम्हवादिनी देवी ने मसौली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि मंगलवार को रात करीब आठ बजे तीन लोग बाइक से आश्रम पहुंचे और वहां मौजूद महिला सन्यासियों के साथ अश्लील गाली गलौच करने लगे। जब महिला सन्यासी व अन्य साधु-संतों ने विरोध किया तो मारपीट शुरू कर दी। जिसमें आश्रम के ही महर्षि जगदग्नि व महादेव बाबा को चोटें आईं हैं। पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि आश्रम के सन्यासियों पर हमला कराने की साजिश का आरोप भी लगाया है। एसओ विवेक सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
साध्वियों ने ग्रामीणों पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप
वहीं ग्रामीणों से आए दिन प्रताड़ित और ग्रामीणों से पिट चुके आश्रम में रहने वाले बाबाओ और साध्वियों का कहना हैं कि गांव के कुछ शरारती लोग उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं। उन्हें मारपीट कर उनके आश्रम पर कब्जा कर लेना चाहते हैं। फिलहाल बाराबंकी पुलिस ने आश्रम में पीड़ित साधू साध्वियों की ओर से एक दिन पूर्व मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन दूसरे दिन दोबारा फिर आक्रोशित ग्रामीणों ने आश्रम पर हमला कर वहां के बाबाओ और साध्वियों की पिटाई कर दी। जिस पिटाई का वीडियो लोगों ने अपने अपने मोबाइल फोन में रिकार्ड कर लिया। मार पिटाई के बाद देर से पहुंची डायल हंड्रेड की पुलिस अब सफाई दे यूपी पुलिस की सुस्त कार्यवाही की पोल खोल रही हैं।
आश्रम की आड़ में किये जा रहे अनैतिक कार्य- ग्रामीण
बाराबंकी के थाना मसौली अंतर्गत अमलोरा गांव के आश्रम बाबा मंशाराम का है। इस आश्रम पर ग्रामीणों की भीड़ ने हमला बोल दिया। हमले में कई लोगों को चोटे भी आई हैं। अचानक हुए हमले से आश्रम में अफरा तफरी मच गई। देर से मौके पर पहुंची पुलिस ने एक बड़ी घटना को तो टाल दिया मगर इस दौरान ग्रामीणों ने आश्रम के संचालक बाबाओ पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों की अगर माने तो यहां आश्रम के नाम पर धार्मिक ढोंग रचा जा रहा है। आश्रम की आड़ में अनैतिक कार्य किये जा रहे है।
ग्रामीणों को आश्रम में नहीं करने दी जाती है पूजा
ग्रामीणों की भीड़ कुछ अनहोनी की कहानी साफ-साफ बयान कर रही थी। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि यहां उन्हें पूजा का कोई अधिकार ही नही दिया गया और न ही इन बाबाओं के द्वारा कोई पूजा या धार्मिक कर्म किये जाते है। अगर यह पूजा का स्थल नहीं है तो आखिर इस आश्रम में होता क्या है। आखिर इतनी बड़ी संख्या में महिला साधू कर क्या रही है। ग्रामीणों ने बताया कि यह लोग कहां से आये है, कहां के रहने वाले है इसका कोई पता नही है।
आश्रम को संदिग्ध दृष्टि से देख रहे ग्रामीण
देश में जब से ऐसे ढोंगी बाबाओं का राजफाश हुआ है तब से आम नागरिक भी भगवा धारी बाबाओं को संदिग्ध दृष्टि से देखने लगे है। आश्रम जो आस्था का केन्द्र हुआ करते थे। आज वह संदिग्ध दृष्टि से देखे जा रहे है। एक ऐसा ही आश्रम बाराबंकी में घिर गया हैं। जिस गांव में यह आश्रम है वहाँ के ग्रामीण आश्रम संचालक बाबाओ पर अनैतिक कार्य किये जाने का सन्देह व्यक्त कर रहे है। तो वहीं आश्रम के बाबा और साध्वी उन्हें ग्रामीणों द्वारा आए दिन मारपीट कर परेशान किये जाने का आरोप लगा रहे है। इस आश्रम में छिपा हुआ राज क्या है इसका खुलासा पुलिस की जांच में हो पायेगा।