1857 की क्रांति में 250 आज़ादी के मतवालों को अंग्रेजों ने अमरोहा स्टेट की छावनी में पीपल के पेड़ पर फांसी दे दी थी. अमरोहा मौजूदा वक़्त में बस्ती का हिस्सा है. बस्ती उत्तर प्रदेश का एक ऐसे जिला जो राजनीति और धर्म दोनों के लिहाज़ से हमेशा प्रासंगिक रहा है.
वशिष्ठ मुनि के नाम पर बशिष्ठी पड़ा जो बाद में बस्ती के नाम से जाना जाने लगा. 18वीं शताब्दी में 6,415 लोगों को ब्रिटिश ठेके पर मजदूरी के लिए फिजी ले गए थे. बस्ती से गए यह लोग अपनी संस्कृति और परंपरा भी साथ ले गए थे.
बस्ती जिला पूर्व में संत कबीर नगर, पश्चिम में गोंडा और उत्तर में सिद्धार्थ नगर से घिरा है. इसके दक्षिण में घाघरा नदी है जो फैजाबाद और आंबेडकर नगर को बांटती है. बस्ती कपड़ा उद्योग चीनी मिलो के लिए भी जाना जाता है. बस्ती राष्ट्रीय स्तर के युवा संगठन ‘राष्ट्रीय युवा संगठन’ की वजह से भी पुरे देश में जाना जाता है. भावेश कुमार पाण्डेय ने इस संगठन की शुरुआत की थी जो 2012 से बस्ती में ‘मिनी मैराथन’ का आयोजन करती है.
2011 की जनगणना के मुताबिक़ यहाँ की आबादी 24,64,464 है जो की कुवैत की आबादी के बराबर है. यहाँ पुरुषों की संख्या 1255,272 लाख और महिलाओं की संख्या 12,09,192 है. यहाँ छ: साल से कम उम्र के बच्चों की आबादी 3,90,969 है जो की पूरी आबादी का 15.86% है. जहाँ एक ओर यूपी का लिंगानुपात 912 है वहीँ यहाँ प्रति हज़ार पुरुषों पर 963 महिलायें है.बस्ती की रुद्हौली तहसील में लिंगानुपात 1001 है. 2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने इसे देश के 250 पिछड़ें जिलों में शामिल किया था. यह यूपी का 34वां जिला है जिसे अति पिछड़ा अनुदान निधि के तहत के विशेष सहायता मिलती है. यहाँ की औसत साक्षरता दर 56.56% है जिनमे महिलाओं की साक्षरता दर 47.48% और पुरुषों की साक्षरता दर 65.3% है. यहाँ अवधी और भोजपुरी भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है.
बस्ती जिले में चार तहसीलें है-हर्रैया, बस्ती, भानपुर, रुद्हौली
बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश की 80 सीटों में 61वें नंबर की सीट है. चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ 1,570,657 मतदाता है जिनमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 866,936 और महिला मतदाताओं की संख्या 703,721 है.
बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है-
हर्रैया, बस्ती सदर, रुद्हौली, महादेवा, कप्तानगंज
इसमें महादेवा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
वर्तमान में यहाँ से भाजपा के हरीश चन्द्र द्विवेदी सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से भाजपा के हरीश चन्द्र द्विवेदी सांसद है.[/penci_blockquote]
अस्तित्त्व में आने के बाद से 2004 तक बस्ती की लोकसभा अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित थी. 2004 में परिसीमन के बाद यह सामन्य श्रेणी में आ गयी. 1952 में हुए चुनावों के दौरान यह सीट बस्ती- गोरखपुर के नाम से जानी जाती थी. 1957 में हुए चुनावों में राम गरीब निर्दलीय जीतकर लोकसभा पहुंचे, उसी साल हुए उपचुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के केशव मालवीय ने जीत हासिल की. 1962 के आम चुनावों में केशव मालवीय दोबारा से निर्वाचित हुए. 1967 और 1971 के चुनाव जीतकर कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार तीन बार कब्ज़ा किया. 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल ने यहाँ पहली बार जीत दर्ज की. 1980 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस(आई), 1984 का कांग्रेस और 1989 में जानता पार्टी ने जीते. 1991 से 1999 तक भारतीय जनता पार्टी ने लगातार चार बार यहाँ जीत हासिल की. 2004 में बीजेपी की नज़र अपनी पांचवी जीत पर थी पर बहुजन समाज पार्टी ने उसका वीके रथ रोक दिया. अगले साल 2009 में भी बसपा ने दुबारा जीत दर्ज की. वर्तमान में यहाँ से भाजपा के हरीश चन्द्र द्विवेदी सांसद है.
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राम शंकर लाल(बस्ती-गोरखपुर) |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | सोहनलाल(बस्ती-गोरखपुर सीट) |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | उदय शंकर दुबे (बस्ती-गोरखपुर) |
दूसरी | 1957 | निर्दलीय | राम गरीब |
उपचुनाव | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | केशव देव मालवीय |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | केशव देव मालवीय |
चौथी | 1967 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | शिव नारायण |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | अनंत प्रसाद धुसिया |
छठी | 1977 | भारतीय लोकदल | शिव नारायण |
सातवीं | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) | कल्पनाथ सोनकर |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राम अवध प्रसाद |
नौवीं | 1989 | जनता दल | कल्पनाथ सोनकर |
दसवीं | 1991 | भारतीय जनता पार्टी | श्याम लाल कमल |
ग्यारहवीं | 1996 | भारतीय जनता पार्टी | श्रीराम चौहान |
बारहवीं | 1998 | भारतीय जनता पार्टी | श्रीराम चौहान |
तेरहवीं | 1999 | भारतीय जनता पार्टी | श्रीराम चौहान |
चौदहवीं | 2004 | बहुजन समाज पार्टी | लाल मणि प्रसाद |
पंद्रहवीं | 2009 | बहुजन समाज पार्टी | अरविन्द कुमार चौधरी |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | हरीश चन्द्र द्विवेदी |