उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के तहत प्रदेश के सभी राजनीतिक दल इस चुनावी समर में अपनी जोर आजमाइश करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं।

सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान नहीं, विरोधी दलों में हलचल:

उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल के चलते सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर चुके हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश का चुनाव धर्म और जाति के आधार पर लड़ा जाता है, लेकिन 2017 में होने वाले चुनाव में इस बार बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। हाल ही में भारत द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से भारतीय राजनीति का अजब सा ध्रुवीकरण हो गया है। देश में एक बार फिर से राष्ट्रीयता की लहर चल पड़ी है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से भारतीय जनता पार्टी में जहाँ एकजुटता बढ़ी हैं, वहीँ विरोधी दल उरी हमले के बाद केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया से बिखर से गए हैं।

पीएम ने लखनऊ में चुनावी अंदाज की दिखाई झलकियाँ:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को यूपी की राजधानी लखनऊ के दौरे पर थे, जहाँ उन्होंने 700 साल पुरानी रामलीला का मंचन देखा। मंचन से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 20 मिनट का अपना संबोधन भी किया। गौरतलब है कि, सभी राजनीतिक दलों ने पीएम के इस फैसले को यूपी में आने वाले चुनाव से जोड़कर देखा था। वहीँ पीएम मोदी ने अपने 20 मिनट के भाषण में कुछ भी ऐसा नहीं कहा जिसे यूपी के चुनाव से जोड़ा जा सके। हालाँकि, पीएम मोदी भले ही धार्मिक सम्मेलन में होते हुए अपने भाषण को राजनीति से परे रखा, लेकिन उन्होंने अपने अंदाज में विरोधियों को यह सन्देश जरुर दिया है कि, वो सर्जिकल स्ट्राइक को यूपी के आने वाले चुनाव में जरुरु भुनाने की कोशिश करेंगे।

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