कहते है हम अपने दोस्त चुन सकते है मगर परिवार नहीं. लिहाजा चाहे आम हो या ख़ास परिवार हर व्यक्ति के महत्त्व रखता है. मगर कभी कभार कुछ चीज़ें परिवार में विवाद का कारण बन जाती है. ऐसा ही एक विवाद आजकल पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के परिवार में छिड़ गया है. उनके बेटे कुंवर अनंत नारायण सिंह और तीन बेटियों के बीच छिड़ा यह संपत्ति विवाद अब कोर्ट तक पहुँच गया है.
संपत्ति को लेकर बढ़ी कलह:
पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के बेटे अनंत नारायण सिंह अपनी तीन बहनों पर संपत्ति को लेकर गलत मंशा का आरोप लगा रहे है. उनके अनुसार उनके पिता के वक़्त से ही संपत्ति को लेकर तीनों बहनों की मंशा ख़राब रही है यही कारण है कि काशी नरेश ने अपने जीते जी उन्हें कटेसर, रामनगर, कमच्छा शीश महल, पटेलनगर और बिहार के समस्तीपुर में हिस्सा दे दिया था मगर लालच की वजह से तीनों बहने अब भी किले में बनी हुई है.
बता दे कि अनंत नारायण सिंह रामनगर में रहते है.
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पूर्व काशी नरेश के परिवार में छिड़ा संपत्ति विवाद, अब कोर्ट करेगा फ़ैसला [/penci_blockquote]
2005 में ही बहनों से तोड़े संबंध:
अनंत नारायण सिंह के मुताबिक़ बहनों ने सबसे पहले 2005 में समस्तीपुर की संपत्ति को लेकर वाद दाखिल किया जिसके बाद उन्होंने अपनी बहनों से सम्बन्ध तोड़ लिए. आगे वो कहते है कि उनकी बहनों ने काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह के नाम से बने ट्रस्ट की प्रयाग में बने जमुना महल का ग़ैरकानूनी तरीके से सट्टा कर दिया. यही नहीं 2011 में बहन विष्णुप्रिया ने उनके खिलाफ़ घरेलू हिंसा का मामला भी दर्ज कराया. कुंवर अनंत नारायण सिंह के मुताबिक़ अब सभी विवादों का निपटारा कोर्ट ही करेगा.
राजचिन्ह को लेकर बढ़ा था विवाद:
दरअसल अनंत नारायण सिंह की बहन हरिप्रिया में कुछ दिनों पहले एक शादी हुई थी जिसके कार्ड पर राजचिन्ह का प्रयोग गया था. कशी नरेश ने इसपर आपत्ति जताई थी जिसके बाद उनकी पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी संभाल रहे राधेचंद्र श्रीवास्तव ने रामनगर के शिकायत कराई थी. 23 अगस्त को एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए है.
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