राजधानी लखनऊ के बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप आॅफ कालेज में शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एस.डी.एम.सरोजनी नगर चन्दन पटेल व विशिष्ट अतिथि के रूप में ध्येय आईएएस के डायरेक्टर विजय सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ कालेज के चेयरमेन के.जी.सिंह,प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह, चन्दल पटेल व विजय सिंह ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकों और बच्चों को संबोधित करते हुए के.जी.सिंह ने कहा कि हमें जीवन के हर उम्र के अनुभवों से कुछ न कुछ सीखना चाहिए। क्योंकि आज हम विद्यार्थी जीवन में हैं और भविष्य में शिक्षक की भूमिका में नजर आ सकते हैं। इसलिए जीवन के हर पड़ाव का अनुभव होना जरूरी है। जब हमें अनुभव होगा तभी हम किसी को अच्छे काम के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने गुरू-शिष्य परम्परा के बारे में बताते हुए कहा कि शिष्य को कभी भी यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि हम अपने गुरू तो फीस तो देने ही हैं। बल्कि अच्छे भाव से गुरू के प्रति समर्पित होना चाहिए और समपर्ण की भावना से गुरूओं का सम्मान करना चाहिए। तभी हम अपने गुरू से असली शिक्षा दीक्षा को ग्रहण कर सकते हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शिष्य की डूब रही नाव को पार लगाता है शिक्षक[/penci_blockquote]
वहीं एसडीएम चन्दन पटेल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वह सरकारी सेवा में जरूर हैं। इसके साथ ही अभी भी बच्चों को सिविल सेवा की तैयारी के बारे में जानकारी देने के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होेंने कहा कि एक अच्छा गुरू बनने के लिए हर क्षेत्र में जानकारी होना आवश्यक है, तभी हम किसी को कुछ सीखा सकते हैं। बच्चों को गुरूमंत्र देने हुए पटेल ने कहा कि कभी-कभी जीवन में आपके पास कोई च्वाइस नहीं होती हैं ऐसी स्थिति में जो सामने हो उसे ही स्वीकार कर लेने में ही भलाई होती है। गुरू की शिक्षा के बारे में बच्चों को बताते हुए कहा कि गुरू की शिक्षा कभी भी बेकार नहीं जाती वह जीवन के किसी न किसी मोड़ में हमारे काम जरूर आती है। गुरू की भूमिका के बारे में कहा कि जब शिष्य की नाव डूब रही होती है जो गुरू ही नाव को पार लगाता है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पत्थर को निखारने का काम हम करते हैं शिक्षक[/penci_blockquote]
उन्होंने आईएएस व पीसीएस एकेडमी के बाहर लगे शिलापट के बारे में व्याख्या करते हुए कहा कि वहां लिखा है कि हमारे पास सब पत्थर ही आते हैं। उनको निखारने का काम हम करते हैं अर्थात असली गुरू वही होता है जो अपने शिष्य को निखार कर हीरा बना दे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपने गुरू का सदा आदर सम्मान करना चाहिए। गुरू का हमारे जीवन ही नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण में भी गहरा योगदान होता हैं। गुरू का ज्ञान कभी बेकार नहीं जाता गुरू माता पिता के समान ही होता है। इसलिए गुरू की बातों को अपने जीवन मेें सदैव स्थान दें।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गुरु की बातों का अनुसरण कर शिखर को चूमते हैं शिष्य[/penci_blockquote]
इसके बाद ध्येय आईएएस के डायरेक्टर विजय सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे एकेडमी में प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चों का प्रतिष्ठित सरकारी नौकरियों में चयन होता है। जिसमें सबसे बड़ा योगदान बच्चों का ही होता है। क्योंकि सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी जो भी आते हैं। वह अपने गुरू की बतायी गयी बातों का पूरा अनुसरण करते हैं और कड़ी मेहनत के दम पर सफल होकर अपने गुरू का नाम समाज में रोशन करते हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अच्छा शिक्षक वह जो बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ मानवता के गुण भी सिखाये[/penci_blockquote]
वहीं कालेज के प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने छात्र-छात्राओं शिक्षको को संबोधित करते हुए कहा कि गुरू वह है जो हमें जीवन में कैसे आगे बढ़ा जाए इसका ज्ञान देता है और जीवन में आयी बाधाओं को कैसे दूर किया जाए। इसका ज्ञान देता है। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई के मामले में किसी भी प्रकार से समझौता न करने की बात कही और कहा कि एक अच्छा शिक्षक वह जो बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ मानवता के गुण भी सिखाये। कार्यक्रम में बीफार्मा, एमफार्मा, बीजेएमसी, एमजेएमसी,बीटीसी, बीएड, बीबीए, एमबीए व बीकाम के बच्चों के साथ कालेज रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी, डीन प्रो.जौहरी, शोध निदेशक रविकान्त व अन्य शिक्षक व स्टाफ उपस्थित रहे।
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