2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते हुए अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है। शिवपाल ने मोर्चा बनाने के साथ ही कहा कि ये मोर्चा सपा के निष्क्रिय और नजरंदाज कर दिए गए नेताओं के लिए किया गया है। शिवपाल यादव दावा कर रहे हैं कि उनके इस मोर्चे को मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद मिला है और उन्हीं से पूछकर ये फैसला किया गया है लेकिन मुलायम के रुख को लेकर अब तक असमंजस के स्थिति बनी हुई है।
अखिलेश के साथ रहेंगे मुलायम :
देश के सबसे बड़े सियासी कुनबे में शिवपाल और अखिलेश के बीच चल रहे झगड़े में मुलायम अपने भाई शिवपाल नहीं बल्कि बेटे अखिलेश यादव के साथ रहेंगे। ऐसा संकेत उन्होंने खुद दिया है। शिवपाल के सेक्यूलर मोर्चा बनाने के बाद अखिलेश के करीबी नेता से मुलाकात में मुलायम सिंह ने उनसे कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए यूपी के हर मंडल में सभा करना चाहते हैं जिसका इंतजाम किया जाए। इसके अलावा वे अब लखनऊ में सपा दफ्तर भी आने लगे हैं। बीते दिनों अखिलेश के लखनऊ में न रहने पर वे लगातार 2 दिन सपा कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शिवपाल का दावा है कि उनके इस मोर्चे को मुलायम सिंह का आशीर्वाद मिला है[/penci_blockquote]
शिवपाल को लगेगा झटका :
सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल यादव भले दावा कर रहे हों कि उन्हें मुलायम का आशीर्वाद प्राप्त है लेकिन मुलायम ने अब तक शिवपाल के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया है। वे लगातर अखिलेश यादव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कई वरिष्ठ पत्रकार भी मानते हैं कि जहां तक मुलायम सिंह का सवाल है तो आखिरकर वह अखिलेश के साथ ही रहेंगे। उनका बुरा नहीं होने देंगे। अगर मुलायम सिंह ने शिवपाल की जगह अखिलेश का साथ दिया तो ये सेक्युलर मोर्चे के लिए बड़ा झटका होगा।
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