फखरपुर ब्लाॅक के टेंडवा अल्पी मिश्र के मजरे देवियापुर में रहने वाला असहाय परिवार। महीनों से गांव वालों की मदद से अब तक जीविका चला रहा था मगर अब आ गई भूखे मरने की नौबत। जिम्मेदार बेखबर बने हुए है।

क्या है पूरा मामला:

फखरपुर ब्लाॅक क्षेत्र के ग्राम टेंडवा अल्पी मिश्र के तहत आने वाले मजरे देवियापुर में रहने वाली ज्ञानवती पत्नी स्व. मिश्रीलाल का परिवार बीते सात दिनों से भुखमरी का दंश झेल रहा है।

सरकार की गरीबों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की योजना पर यहां पानी फिरता नजर आ रहा है। पीडिता ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उनके परिवार में दो लड़के व एक बहू है। बहू के चार बच्चे हैं।

एक बेटा शारीरिक दिव्यांग है व एक मानसिक दिव्यांग है। जिससे परिवार की आजीविका चलाना बहुत मुश्किल है।

सरकारी योजनाओं से है वंचित:

वहीं उन्हें किसी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ अब तक नहीं दिया गया है। न तो बेटे का दिव्यांग प्रमाण पत्र बन सका है और न ही पेंशन मंजूर की गई है।

यही नहीं उनके परिवार को खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद सूची में शामिल नहीं किया गया।

इससे परिवार को कोटे से राशन भी नहीं मिल पा रहा है।

बरसात का मौसम होने की वजह से कहीं मजदूरी भी नहीं लग रही है।

एक माह पूर्व से घर में राशन की किल्लत हो गई । तबसे गांव वालों की मदद से दो जून की रोटी बमुश्किल जुगाड हो रही थी.

चौगाई खाकर कर रहे गुजारा:

वे बताती हैं कि पिछले सात दिनों से ग्रामीणों ने हाथ समेटना शुरू कर दिया है। ऐसे में खेतों में उगी चैलाई व अन्य साग खाकर ही गुजारा हो रहा है।

बच्चों पर कभी किसी ने तरस खाकर कुछ खाने पीने को दे दिया तो ठीक वरना उन्हें समझाने के लाले पड रहे है।

गांव निवासी छोटेलाल वर्मा, जगदीश आदि ने बताया कि इनकी हालत बद से बदतर है जितना कुछ हम लोगों से हो पाता है हम इनकी मदद कर देते है. प्रशासन से अब तक कोई सहयोग नहीं मिला है ।

अब देखना ये है की प्रसाशन इस गरीब परिवार की आजीविका चलाने में क्या भूमिका निभाता है।

रिपोर्ट:-अनिल वर्मा

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