संरक्षण गृह महिलाओं और बच्चों को कितना संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करते हैं ये बात बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम और उसके बाद यूपी के देवरिया शेल्टर होम से साफ़ हो गया. जहाँ महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा नहीं बल्कि देह व्यापार जैसे कारोबार के जरिये उनका शोषण होता था. अब उसी कड़ी में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का नाम भी शामिल हो गया है, जहाँ शिशु केन्द्र में जांच के बाद बच्चों के गायब होने की सूचना से एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
शिशु गृहों से कुल 25 बच्चे गायब:
उत्तर प्रदेश के देवरिया नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार और मानव तस्करी के कारोबार के सनसनी खेज खुलासे के बाद अभी जाँच शुरू ही हुई हैं कि अब वाराणसी और मिर्जापुर के शिशु गृहों से 25 बच्चों के लापता होने का मामला सामने आया हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लक्ष्मी शिशु गृह नाम का शिशु संरक्षण केन्द्र है, जहाँ से 7 बच्चों के लापता होने की सूचना हैं. वहीं मिर्जापुर के महादेव शिशु गृह से लगभग 18 बच्चे गायब हैं.
15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश:
25 बच्चों का इस तरह शिशु केंद्रों से गायब होना कोई छोटा मोटा मामला नहीं, बेहद गंभीर मुद्दा है.
इसी के चलते मामला संज्ञान में आने के बाद महिला और बाल विकास मंत्रालय ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को 15 सितम्बर तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.
वहीं इस सूचना के बाद दोनों जिलों के डीएम के होश उड़ गये. उन्होंने एडीएम सिटी को मामले की जांच सौंप दी है.
वाराणसी के लक्ष्मी शिशु गृह से 7 बच्चे लापता:
बता दें कि मार्च में बनारस के लक्ष्मी शिशु गृह में निरीक्षण के लिए एक टीम गयी थी, जहाँ जांच करने पर 8 बच्चे मिले. जबकि लक्ष्मी शिशु गृह की ओर से जो जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजी गयी हैं, उसके मुताबिक़ संरक्षण गृह में कुल 15 शिशु होने की सूचना थी.
लेकिन जांच में 7 बच्चे कम पाए जाने के बाद भारत सरकार की निरीक्षण टीम ने इसके पीछे का कारण जानना चाहा तो शिशु गृह प्रबंधन की ओर से कोई सही जानकारी नहीं दी जा सकी.
मिर्जापुर के महादेव शिशु गृह से 18 बच्चे गायब:
इतना ही नहीं वाराणसी के अलावा मिर्जापुर के महादेव शिशु गृह का भी केंद्रीय मंत्रालय की टीम ने निरीक्षण किया तो वहां 14 बच्चे ही मिले.
लेकिन शिशु गृह की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक़ वहां 38 बच्चे होने चाहिए थे, यानी कि कुल 24 बच्चे कम थे. इस पर संस्था से जब सवाल किया गया तो संस्था प्रबंधन ने बताया कि 6 बच्चों की मौत हो चुकी हैं.
लक्ष्मी शिशु गृह की मान्यता रद्द:
संस्था के मुताबिक़ इन 6 बच्चों की मौत 1 अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के बीच हुई. इसके बाद विभाग ने 6 बच्चों की मौत की जांच सहित अन्य 18 बच्चों के लापता होने की जांच के भी निर्देश दिए हैं.
साथ ही बनारस के लक्ष्मी शिशु गृह की मान्यता भी रद्द कर दी है और वहां रह रहे शिशुओं को लखनऊ भेज दिया गया हैं.
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”उत्तर प्रदेश की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”uttar_pradesh_categories” orderby=”date”]