उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों बाराबंकी में एक महिला सिपाही ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद कानपुर देहात इलाके में एक सिपाही की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सहयोगियों ने सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर अधिकारी अस्पताल पहुंचे और साथी सिपाही से पूछताछ शुरू की। वहीं परिवारीजन ने महकमे के अफसरों पर संतोषजनक जवाब न देने का आरोप लगाया और कहा कि नरेश आत्महत्या नहीं कर सकते। अधिकारी घटना के कारणों का पता लगाने में जुटे थे।
जानकारी के मुताबिक, घटना कानपुर देहात इलाके के गजनेर थाना क्षेत्र की है। यहां पामा चौकी के सिपाही नरेश चंद्र यादव (55) के सीने में सोमवार देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई। सिपाही नरेश चंद्र सोमवार रात साथी दीवान वेद प्रकाश तिवारी के साथ गश्त पर निकले थे। रात करीब 10:30 बजे दोनों सरवनखेड़ा स्थित पेट्रोल पंप के पास पहुंचे। यहां दीवान वेद प्रकाश लघुशंका करने चले गए। इसी बीच सरकारी रायफल से गोली चली और सिपाही नरेश के सीने में जा लगी। गोली लगते ही वह लहूलुहान होकर गिरे। आवाज सुन वेदप्रकाश दौड़े और तुरंत गजनेर थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज को सूचना दी।
आनन फानन एसओ गजनेर पहुंचे और सिपाही नरेश को रनिया के निजी हास्पिटल ले गए। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद नरेश को कानपुर रेफर कर दिया गया। सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में लाने के बाद डाक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया लेकिन कुछ ही देर में नरेश ने दम तोड़ दिया। सूचना पर एसपी राधेश्याम व अन्य अधिकारी और श्यामनगर में रह रहे नरेश के परिवारीजन पहुंचे। मौत की खबर सुनकर उनकी पत्नी ज्ञानो देवी बेसुध हो गईं। बेटों दीपक व पीयूष ने कहा कि पिता आत्महत्या नहीं कर सकते। उनके साथ कोई अनहोनी हुई है। जिसे अधिकारी नहीं बता रहे। एसपी राधेश्याम ने बताया कि साथी सिपाही से पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी गुत्थी[/penci_blockquote]
गश्त के दौरान सिपाही को गोली लगने का कारण पुलिस अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा। साथी सिपाही वेदप्रकाश ने नरेश के खुद ही गोली मारने की जानकारी दी। जबकि परिजनों ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं था, जिसकी वजह से नरेश आत्महत्या करें। सोमवार को वह घर से ड्यूटी पर गए थे, तब भी उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। पुलिस आत्महत्या व हादसा दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। साथी सिपाहियों ने बताया कि नरेश सोमवार को ही तीन दिन की छुट्टी से लौटे थे। वह मूलरूप से इटावा भरथना के पाली गांव के रहने वाले हैं। काफी पहले कानपुर में ही तैनात थे, तब उन्होंने श्यामनगर में घर बनवाया था। परिवार यहीं रहता है। बड़ा बेटा दीपक स्पोर्ट्स गुड्स की दुकान चलाता है।
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