- उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन’ के लिए आये थे गांधी जी.
- अंग्रेजो के भारत छोड़ने को लेकर महात्मा गांधी ने शुरु किया था आंदोलन.
- हापुड़ जनपद में कई स्थानों पर आज भी उनकी यादें संजोए कई इमारत खड़ी है.
- वही थाना देहात क्षेत्र के गांव असौड़ा में भी एक महल है जो बहुत प्रसिद्ध है.
- गांव असौड़ा में असौड़ा रियासत के नाम से जाने वाले गांव का भी आजादी में रहा काफी योगदान.
- महात्मा गांधी के लिये असहयोग आंदोलन की शुरुआत असौड़ा गांव से शुरू हुई थी.
- जनपद मेरठ, फफूंडा कई गांवों से निकलते हुए गाज़ियाबाद पहुँची थी.
- उड़ दौरान लोनी में बांटे गये थे नमक के पैकेट.
[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]बता दें कि 1942 में असहयोग आंदोलन के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिये की जा रही यात्रा के दौरान बापू असौड़ा रियासत में भी आये थे.[/penci_blockquote]
1928 में महात्मा गांधी असौड़ा आये थे जिन्होंने असौड़ा महल में बैठकर मीटिंग भी की थी.
वो महल है जिसमे महात्मा गांधी ने मीटिंग की थी:
- आप तस्वीरों में भी देख सकते है कि यही वो महल है जिसमे महात्मा गांधी ने मीटिंग की थी और जनपद मेरठ में विदेशी कपड़ो की होली जलने पर असौड़ा के चौधरी रघुवीर नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जेल भी भेजा गया था.
- हापुड़ जिले का असौड़ा गांव सबसे बड़ा गांव है और गांव असौड़ा में आबादी करीब 25 हजार से अधिक है.
- रघुवीर नारायण सिंह के पिता का नाम चौधरी देवी सिंह था, जो यूपी में बड़े जमीदारों में माने जाते थे, और अंग्रेजो ने राय बहादुर की उपाधि प्रदान की थी.
- आज भी असौड़ा गांव का महल असौड़ा महल के नाम से काफी प्रसिद्ध है लेकिन रियासत के स्वामी रहे परिवार द्वारा अलग अलग जगह जाकर रह रहे है ।
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