राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज के मल्लाही टोला में दो सगे भाइयों के हत्या के मामले में पुलिस फरार हत्यारोपितों को तीन दिन बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी कुमार पांडेय के मुताबिक, संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। मामले में एक हत्यारोपित साहिल को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अभी शिवम, चीना समेत अन्य हत्यारोपित फरार चल रहे हैं। इनकी आखिरी लोकेशन रहीमाबाद में मिली है। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें ठाकुरगंज थाने से, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस समेत अन्य टीमें लगाई हैं। उधर, मृतक के चचेरे भाई निजाम का कहना है कि पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सभी हत्यारोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक एक हत्यारोपित क अलावा किसी को भी नहीं पकड़ा गया। बताया कि घटना में पांच से छह लोग शामिल हैं, मोहल्ले के एक युवक ने उन्हें भागते हुए भी देखा था।
गौरतलब है कि ठाकुरगंज थाने से थोड़ी दूरी पर मल्लाही टोला में बुधवार देर रात सगे भाइयों इमरान गाजी (20) और अरमान गाजी (18) की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने देर रात फरार आरोपितों पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। मिश्री टोला निवासी व्यवसायी दिलदार गाजी बेटों की हत्या से इसकदर आहत हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने जल्द सभी हत्यारोपितों को गिरफ्तार नहीं किया तो पूरा परिवार यहां सबकुछ छोड़कर संडीला हरदोई स्थित गांव की ओर पलायन कर जाएगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]निर्दोष लोगों को परेशान कर रही पुलिस [/penci_blockquote]
मृतक के चचेरे भाई निजाम गाजी के मुताबिक, पुलिस हत्यारोपितों का तो पता नहीं लगा पाई, लेकिन उनके चक्कर में निदरेष लोगों को परेशान कर रही है। मोहल्ले के कई ऐसे लोगों को पकड़कर पुलिस पूछताछ कर रही है, जिनका हत्याकांड से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। विवेचक के अनुरोध पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनन्द प्रकाश सिंह ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। अदालत के समक्ष विवेचक प्रभारी निरीक्षक थाना ठाकुरगंज की ओर से प्रस्तुत अर्जी पर सहायक अभियोजन अधिकारी का तर्क था कि घटना का नामजद अभियुक्त साहिल उर्फ छोटू उर्फ महेश नायर गिरफ्तार हुआ है। अन्य दोनों अभियुक्त फरार चल रहे हैं जिनके संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। लिहाजा गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। इस अर्जी पर अदालत के आदेश के अनुपालन में लिपिक द्वारा आख्या दी गई कि न तो अभियुक्तों का आत्मसमर्पण प्रार्थना-पत्र लंबित है और न ही माननीय उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर रोक है। जिसके पश्चात अदालत ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
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