उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिलें में राजस्व विभाग में बड़े घोटाले और रिश्वतखोरी के मामले उजागर होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. लालगंज तहसील के पूरे राना मजरे रजौली गांव निवासी एक दिव्यांग युवक ने तहसील के कानून-गो पर जमीन पैमाइश के बदले छः हजार रुपये लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि रिश्वत के पैसे लेने के बावजूद भी कानून-गो पैमाइश करने के लिए नहीं तैयार हो रहे हैं।
ये है पूरा मामला
रायबरेली जिले के पीड़ित दिव्यांग राजीव कुमार ने बताया कि रजौली गांव में उसकी जमीन है, जिसकी पैमाइश के लिए वह लगातार अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा.
एक बार उसकी जमीन की पैमाइश भी हुई, जिस पर दूसरे का कब्ज़ा निकला.
विपक्षियों ने अधिकारियों से साठगांठ करके किसी तरह से उस पर 15 दिन का समय मांगा और मामला न्यायालय में पहुंचा दिया.
वहीं न्यायालय से जब दिव्यांग राजीव कुमार के पक्ष में फैसला हुआ तो उसने तहसील स्तर से लेकर जिले के अधिकारियों के कार्यालयों की परिक्रमा शुरू की.
तहसीलदार ने कानूनगो आदेश दिया मगर अब तक दिव्यांग की जमीन नापने के लिए कानून-गो को फुर्सत नहीं मिली। पीड़ित दिव्यांग ने कहा कि तहसील के कानून-गो रविंद्र कुमार श्रीवास्तव ने राजस्व टीम के साथ जाकर पैमाइश करने के लिए उससे छः हजार रूपये भी ले लिए मगर अब तक जमीन की पैमाइश करने की ज़हमत नहीं उठाई है।
अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहा दिव्यांग
फिलहाल पीड़ित दिव्यांग राजीव कुमार लालगंज तहसील से लेकर जिले के आला अधिकारियों के पास अपनी जमीन की पैमाइश के लिए चक्कर लगा रहा है मगर अभी तक उसकी बात सुनने की फ़ुर्सत किसी को नहीं मिली है.
अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाने वाली भाजपा सरकार में अधिकारियों के इस रवैया पर दिव्यांग को अपनी ज़मीन वापस मिल पाती है या हमेशा की तरह फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक सिमट कर रह जाती है।