पूरे देश में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 26वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में RAF की 26वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। स्थापना दिवस समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। गृहमंत्री ने परेड की सलामी लेकर कार्यक्रम की शुरुआत की। गृहमंत्री ने RAF कमाण्डेन्ट जय कृष्ण को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। वहीं कई सिपाहियों, अधिकारियों और महिलाओं को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। राजनाथ सिंह ने बहादुर अंशिका पांडेय को गृह मंत्रालय की तरफ से एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। अंशिका पांडेय का 14 सितंबर 2015 को एसयूवी सवारों ने अपहरण करने का प्रयास किया था लेकिन अंशिका ने बहादुरी का परिचय देते हुये खुद को बचा लिया था।
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[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]साधारण फोर्स नहीं है आरएएफ: राजनाथ[/penci_blockquote]
लखनऊ में आयोजित RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) की 26वीं वर्षगांठ पर बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे। परिसर के भीतर की सुरक्षा खुद आरएएफ ने संभाल रखी जबकि, परिसर के बाहर की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस-पीएसी के जवानों ने संभाले रखा था। कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा, “आरएएफ कोई साधारण फोर्स नहीं है। इस फोर्स के जवानों ने दंगा नियंत्रण करने, भीड़ को नियंत्रण करने आदि में अपनी सफल भूमिका निभाई है। आरएएफ की मांग राज्यों में बनी रहती है। जनता और सरकार के बीच आरएएफ ने अपनी साख और विश्वास अर्जित किया है। पुलिस के लिए भी इनका काम अनुकरणीय है।
उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी आरएएफ ने संयम, धैर्य और विवेक से कार्य करते हुए नियमों का पूरी तरह से पालन किया है। आरएएफ में भी नई टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सके इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। नई तकनीक को शामिल करने पर विचार चल रहा है। इसने शांति मिशनों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विदेशों में भी आरएएफ के जवानों ने शांति मिशन में अपने कार्य से लोगों का दिल जीता है।”
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जवानों का मनोबल ऊंचा रखने को सरकार प्रयत्नशील[/penci_blockquote]
राजनाथ सिंह ने कहा कि “सरकार जवानों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए लगाकार प्रयत्नशील है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने 35 हजार कांस्टेबलों को हैड कांस्टेबल बनाने का काम किया है। वर्दी के स्थान पर उन्हें 10 हजार रुपए नकद धनराशि दी जाएगी। इसके अलावा प्रमोशन के अन्य रास्तों पर भी विचार किया जा रहा है। पहले शहीद जवानों के परिजनों को मिलने वाली सहयोग राशि कम थी। बीजेपी सरकार ने 1 जनवरी 2016 से इस सहयोग राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1 करोड़ रुपये किया है।” “नए भारत का निर्माण हम सबको मिलकर करना है। कुछ लोग पीएम के संकल्प पर सवाल उठाते हैं। 1942 में गांधी जी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो और करो या मरो का नारा दिया था, उसके 5 साल बाद देश को आजादी मिली थी।” “जब तक शांति कायम नहीं होगी आर्थिक प्रगति संभव नहीं होगी। इसीलिए हमें विभाजितकारी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।”
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]राजनाथ ने इन्हें किया सम्मानित[/penci_blockquote]
कमाण्डेन्ट किशोर कुमार।
हवलदार अरुण कुमार।
सिपाही मनीष कुमार यादव।
सीआरपीएफ की ओर से भी स्वर्ण पदक दिया गया।
लखनऊ में कुमारी अंशिका को 1 लाख राशि देकर ग्रह मंत्री ने सम्मानित किया।
सिपाही प्रदीप कुमार सिंह।
सिपाही हेमराज को भी वीरता पुरस्कार मिला।
वीरता पुरस्कार से हुए सहायक कमाण्डेन्ट शंकर लाल जाट सम्मानित।
सहायक कमाण्डेन्ट पंकज हल्लू हवलदार।
सिपाही राम दुलारे।
सिपाही बलराम टुडू भी सम्मानित।
निरीक्षक सुब्रमनियम, सिपाही मो. अशरफ ने किया था।
हवलदार कौशल कुमार।
सहायक उपनिरीक्षक नंद किशोर प्रसाद।
सिपाही मनधीर सिंह को भी पुरस्कार।
उपमहानिरीक्षक दिलीप कुमार चौधरी और उप महानिरीक्षक डॉ संजय कुमार भी सम्मानित।
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