पुलिसकर्मियों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डीजीपी के निर्देश और 12 दिन का रिफ्रेशर कोर्स भी किसी काम नहीं आ रहा है। नतीजा ये हुआ कि प्रदेशभर में सिपाही और दरोगा सिपाही 157 साल पुराना पुलिस एक्ट बदलाने और वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित अपनी 24 सूत्रीय मांगों फिर विरोध जता रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के बाद कोई कार्रवाई ना हो इसके लिए पुलिसकर्मी हेलमेट पहनकर चेहरा छिपाकर और नेम प्लेट उतारकर अपनी फोटो वायरल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हर जिले से सिपाही दरोगा की काली पट्टी बांधकर, चेहरा छिपाकर मांगों को लेकर स्लोगन लिखे पोस्टर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में पुलिसकर्मी चेहरा छिपाये हैं। गौरतलब है कि 5 अक्टूबर को सिपाहियों के पहले विरोध प्रदर्शन के बाद 5 दिन बाद फिर सिपाही लामबंद हैं। वह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में पहली बार सिपाही और दरोगा विरोध पर उतरे हैं। अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को मैनेज करने का सारा हथकंडा फेल साबित हुआ है। सिपाहियों ने पूरे प्रदेश में ‘मांग दिवस’ शुक्रवार का दिन मांग दिवस के रूप में मनाया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस सुधार के लिए इन बिंदुओं को लेकर प्रदर्शन[/penci_blockquote]
➡1. वेतन विसंगित दुर किया जायें।
➡2. 08 घन्टे डियुटी निर्धारित किया जाये।
➡3. ओवर टाइम डियुटी पर सैलरी के अतिरिक्त ओवरटाइम दिया जाये।
➡4. अन्य राज्यकर्मियों की भांति ही अवकाश निर्धारित किया जाये।
➡5. अवकाश के दिनों में कार्य पर वेतन के अतिरिक्त निर्धारित अवकाशों का सुंसगत वेतन दिया जाये।
➡6. प्रत्येक पुलिसकर्मी की आकस्मिक छुट्टी अनिवार्य की जाये।
➡7. अनावश्यक पदों रेगुलेशन के अनुरूप सिपाही, दरोगा, व इंसपेक्टर में समाहित कर अतिरिक्त पदों को जैसे कि (हे0का0 विशिष्ट , हे0का0 प्रोन्नत वेतनमान, एएसआई इत्यादि के समकक्षीय पदों) को हटाकर पदोन्नति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाये।
➡8. प्रोन्नति की सुस्त प्रक्रिया को हटाकर आईपीएस लाबी की भांति ही प्रमोशन समयानुरूप किया जाये। जिससे सिपाही वर्ग को भी राजपत्रित अधिकार मिलने के प्रयाप्त अवसर मिले।
➡9. विभागीय परीक्षा प्रमोशन पुनः बहाल कर समय-समय पर आयोजित किये जाये। जिससे पढ़े लिखे नौजवान सिपाहियों को दरोगा-इंसपेक्टर बनने का अवसर मिल सके।
➡10. पुरानी पेन्शन योजना की बहाली की जाये।
➡11. एनपीएस खाते को जीपीएफ में परिवर्तित किया जाये।
➡12. ग्रेजुअटी का लाभ पुनः बहाल किया जाये।
➡13. चिकित्सा प्रतिपुर्ति इलाज के दौरान या तत्कालिक बाद अधिकतम 03 माह के अन्दर प्रदान किया जाये।
या कैशलेस कार्ड पर तत्कालिक चिकित्सा उपभोग पर विचार किया जा सकता है।
➡14. टीए/डीए का भुगतान विगत माह तक का अनिवार्य रूप से किया जाये।
➡15. पौष्टिक आहार भत्ता कम से कम 5000 रू0 मासिक किया जाये।
➡16. साइकिल के स्थान पर मोटर साइकिल भत्ता दिया जाये।
➡17. कर्मियों के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था हेतु माडर्न पुलिस स्कुल कालेजों की जिले स्तर पर स्थापना की जाये। जिससे की पुलिसकर्मियों के स्थानान्तरण इत्यादि के दौरान शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
➡18. अन्य राज्य रोजगारों में नियुक्ति पर पुलिसकर्मी व उसके पाल्यों को विशेष आरक्षण (वरियता) प्रदान किया जाये।
➡19. अराजपत्रित कर्मियों की डियूटी के दौरान मृत्यू पर परिवार के सदस्य को योग्यता के आधार पर नौकरी व आश्रित को असाधारण पेंशन अनिवार्य किया जाये।
➡20. थाना स्तर पर महिला आरक्षियों/ परिवार सहित रहने वाले आरक्षियों के लिए अनिवार्य आवास की व्यवस्था व अन्य शेष कर्मचारीगणों के लिए मुलभूत आवश्यकताओं जैसे कि लैट्रिन, पानी व सोने की उत्तम व्यवस्था वाली बैरक।
➡21. तकनीकी शाखा (कम्प्यूटर, सर्विलांस, सोशलमीडिया) व कानून व्यवस्था एवं विवेचना को अलग-अलग किया जाये।
➡22. पुलिस रेगुलेशन 1861 में बदलाव किया जाये या पुरी तरह से नया वर्तमान के अनुरूप निर्धारित किया जाये।
➡23. निलम्बन/बर्खास्तगी के पूर्व जांच आवंटन अनिवार्य किया जाये। एवं जांचके पूर्ण होने की अन्तिम अवधि को पूर्व से ही निर्धारित किया जाये।
➡24. निलम्बन के पूर्व इंटीमेंशन अवश्य दिया जाये एवं अपना पक्ष रखने के लिए कम से कम 15 दिवस का समय अवश्य दिया जाये।
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