विधान परिषद सभापति रमेश यादव के बेटे अभिजीत (21) की संदिग्ध मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई थी। बल्कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। ये हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी माँ ने ही की थी। मौत के बाद हत्यारी माँ ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही शव अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया था। लेकिन सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस के होश उड़ गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि अभिजीत की गला घोंटकर हत्या की गई थी और सिर पर चोट भी थी। पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर बेटे की हत्या के आरोप में माँ को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी महिला में अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि मूल रूप से एटा निवासी विधान परिषद सभापति रमेश यादव का दारुलशफा न्यू बी ब्लाक में आवास है। यहां उनकी दूसरी पत्नी मीरा यादव अपने बेटे अभिजीत और अभिषेक के साथ रहती हैं। अभिजीत बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। रविवार तड़के उसकी मौत की खबर फैली। परिवारीजन दोपहर में शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। इसी बीच पुलिस ने बीच रास्ते में उन्हें रोक लिया और छानबीन शुरू कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि अभिजीत की गला घोंटकर हत्या की गई थी और सिर पर चोट भी थी। वहीं, विधान परिषद सभापति रमेश यादव ने बताया कि मीरा मेरी दूसरी पत्नी है, मुझे घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और किसी पर शक नहीं है। जिस समय यह घटना हुई, मैं एटा में था। जानकारी मिलते ही मैं लखनऊ पहुंचा और बेटे अभिजीत के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ।
इसी को आधार बनाकर पुलिस ने अभिजीत की मां मीरा और भाई अभिषेक से पूछताछ शुरू कर दी। देर रात मीरा ने हत्या की बात स्वीकार कर ली। एएसपी पूर्वी के अनुसार मीरा ने बताया कि अभिजीत शराब का लती था। घर पर वह गाली गलौज और मारपीट भी करता था। घटना के समय भी दोनों में कहासुनी हुई थी इसके बाद मीरा ने उसे धक्का दे दिया तो उसका सिर दीवार से टकरा गया और वह गिर गया। इसके बाद मीरा ने दुपट्टे से गला घोंट दिया। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय पुलिस ने जब मीरा से पोस्टमार्टम और पुलिस में शिकायत न करने के बारे में पूछा तो मीरा ने कहा था कि अभिजीत की मौत स्वभाविक है। वहीं भाई अभिषेक भी गोलमोल जवाब दे रहा था। देर रात जब मीरा ने वारदात कबूल की तो सच सामने आया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस को सीने में दर्द की कहानी बनाकर किया था गुमराह[/penci_blockquote]
पूछताछ में मीरा ने बताया कि रविवार तड़के करीब तीन बजे अभिजीत के सीने में दर्द हुआ था। अभिजीत के कहने पर उसके सीने पर उन्होंने बाम लगाया था। पेट में गैस की आशंका पर उसे दवा भी दी। उसे कुछ आराम मिला तो वह बेड पर सो गया था, जबकि मीरा जमीन पर सो गई थी। मीरा ने यह भी बताया था कि अभिजीत का बड़ा बेटा अभिषेक नौकर के साथ बाहर गया था। सुबह 7:30 बजे जब उनकी आंख खुली तो एसी बंद मिला। अभिजीत को आवाज लगाई तो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसी बीच अभिषेक भी आ गया।
अभिषेक ने भाई को जगाने की कोशिश की और नब्ज देखने के बाद उन्हें बताया कि अभिजीत की तो मौत हो गई है। परिवारवाले आनन-फानन में बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार की तैयारी कर चुके थे। रमेश यादव के पहुंचने से पहले ही पुलिस को रौब दिखाकर शव लेकर बैकुंठ धाम के लिए निकल पड़े। इसी बीच, एसएसपी कलानिधि नैथानी ने शवयात्रा रोककर पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। रात करीब सवा आठ बजे सभापति के पहुंचने के बाद अभिजीत का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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