उत्तर प्रदेश के अमेठी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कृषि वानिकी सहकारी लिहरखूमऊ शुकुल बाज़ार में किया गया. शिविर का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुल्तानपुर व पूर्व जिला जज आरपी शुक्ला द्वारा किया गया. शिविर में वक्ताओ द्वारा कानूनी जानकारी दी गई ।
विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक हों:
इस मौके पर अपने सम्बोधन में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुल्तानपुर व पूर्व जिला जज आर पी शुक्ला ने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य है कि विधिक अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी समाज को देना है.
उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे विधिक अधिकारों के प्रति स्वयं जागरूक हो व दूसरों को भी जागरूक करें।
संविधान प्रदत्त अधिकारों का ज्ञान और त्वरित न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण:
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुल्तानपुर की सचिव पूनम सिंह ने कहा कि लोगों को संविधान प्रदत्त अधिकारों का ज्ञान और त्वरित न्याय दिलाने में इन शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
उन्होंने कहा कि इससे मौके पर ही छोटे विवादों का समाधान हो जाता है. जिससे लोगों को अदालत तक नहीं जाना पड़ता है।
विधिक जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है.
उन्होंने सभी का आवाहन् किया कि जो व्यक्ति जहां पर है वो अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से पूरा करे तथा जरूरत-मंदो को उचित सलाह दे ।
विधिक साक्षरता से ‘कानून के शासन की स्थापना’ में प्रगति:
वही तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व सिविल जज स्वतंत्र सिंह रावत ने कहा कि विधिक साक्षरता से आशय जनता को कानून से संबंधित सामान्य बातों से परिचित कराकर उनका सशक्तीकरण करना है.
कानूनों के निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ती है और कानून के शासन की स्थापना की दिशा में प्रगति होती है।
विधिक साक्षरता शिविर में एडीएम ईश्वर चंद्र:
जिला समाज कल्याण अधिकारी वीके सिंह अपर पुलिस अधीक्षक अमेठी बीसी दुबे सहित कई अन्य अधिकारियों ने विधिक साक्षरता के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारियां दी ।
उल्लेखनीय उपस्थिति:
शिविर में उपजिलाधिकारी मुसाफिरखाना देवी दयाल वर्मा, तहसीलदार घनश्याम भारतीय आईएफएफडीसी के अध्यक्ष और बार एसोसिएशन अध्यक्ष अधिवक्ता गुरु प्रसाद त्रिपाठी, सचिव अशोक सिंह अधिवक्ता बलदेव बक्श सिंह, केके सिंह विधिक पैरालीगल वालंटियर आशुतोष पाण्डेय, समाज सेवी इकबाल हैदर के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन राधेश्याम लाल श्रीवास्तव द्वारा किया गया