उत्तर प्रदेश के बरेली में राबिया फाउंडेशन की मीटिंग पुराना शहर कार्यालय पर आयोजित की गई. जिसमें दहेज़ विरोधी मुहिम की शुरुआत की गई.
बरेली में राबिया फाउंडेशन की ओर से दहेज़ विरोधी मुहीम के तहत एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें राबिया फाउंडेशन की अध्यक्षा हज्जन राबिया अख़्तर ने कहा कि दहेज़ की दीमक से समाज को नष्ट होने से बचाना हमारी मुहिम का मक़सद है.
खुशियों का संसार, बिटिया ही हैं दहेज़
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में दहेज़ प्रथा पर रोक लगाने के लिये राबिया जन सेवा सोसायटी ने दहेज प्रथा विरोधी मुहिम की शुरुआत की हैं.
आये दिन बेटियों और बहुओं को दहेज़ उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. सैकड़ों जिंदगी दहेज़ की बलि चढ़ चुकी हैं. आगे दहेज़ की वजह से कोई जिंदगी ना रुके इसलिये समाज को दहेज़ मुक्त शादियों पर ध्यान देना चाहिए.
दहेज़ की मांग या इच्छा रखने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा,शादी से पहले या शादी के बाद कोई भी दहेज़ की डिमांड करता हैं तो उस व्यक्ति की सबसे पहले कॉन्सिलिंग की जाये ताकि वे दहेज की खातिर अपना घर परिवार के रिश्तों को तारतार न करें.
जिन शादियों में हो दहेज़ का चलन उसने आना जाना करें बंद:
साथ उन शादियों में आना जाना भी बंद हो जहां दहेज़ का चलन हो,समाज से दहेज माँग को समाप्त किया जाना जरूरी हैं ताकि गरीबों और यतीमों की बेटियां दहेज़ की वजह से शादीशुदा जिंदगी से महरूम न रह जाए।
दहेज की रोकथाम के लिये सोसायटी इस मुहिम के जरिये दहेज की दहशतगर्दी से परिवारों को टूटने से बचायेगी।
राबिया फाउंडेशन की जल्द ही बड़ी सभा करके मुस्लिम समाज को जागरूक करने का अभियान चलेगा।
मीटिंग में नाज़िया, उन्ज़िला, रफत जहाँ, शहनाज़,रूबी खान, सलमा, तब्बसुम, निगार, अनमता,शीबा, नुज़रत,शमीम बानो, फरज़ाना आदि शामिल रही।