राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र में कक्षा आठ की एक नाबालिग छात्रा से दुराचार करने के मामले में एससी/एसटी ऐक्ट की विशेष जज बबिता रानी ने कक्षा आठ की नाबालिग छात्रा से दुराचार के मामले में दोषी अध्यापक को सात साल की सजा सुनाई है। उन्होंने अभियुक्त मुन्नू लाल द्विवेदी पर “10 हजार का जुर्माना भी ठोंका है। 29 जून, 2002 को इस घटना की एफआईआर पीड़िता के पिता ने थाना बंथरा में दर्ज करवाई थी। एससी/एसटी एक्ट की विशेष जज बबिता रानी ने कक्षा आठ की एक नाबालिग छात्रा से दुराचार करने के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त अध्यापक को सात साल की सजा सुनाई है। उन्होंने अभियुक्त अध्यापक मुन्नु लाल द्विवेदी पर 10 हजार का जुर्माना भी ठोंका है।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सत्यव्रत त्रिपाठी के मुताबिक 12 वर्षीय पीड़िता एसके पब्लिक स्कूल में कक्षा आठ की छात्रा थी। मुन्नु लाल द्विवेदी इस स्कूल का प्रबंधक था और यहीं पर अध्यापक भी था। वो पीड़ित छात्रा को उसके घर पर ट्यूशन भी पढ़ाता था। पीड़ित छात्रा गरमी की टुट्टियों में अपने ननिहाल गई थी। वो पीड़िता को उसके ननिहाल में भी ट्यूशन पढा़ने लगा। वहां ट्यूशन पढ़ाने के दौरान वो पीड़िता के साथ दुराचार कर रहा था, जिसे पीड़िता के मामा ने देख लिया। लेकिन वो धक्का देकर मौके से भाग निकला। पीड़िता ने बताया कि अभियुक्त घर पर भी ट्यूशन के दौरान उसके साथ अश्लील हरकत करता था। लेकिन जान की धमकी की वजह से वो किसी को बताती नहीं थी। विवेचना के दौरान पीड़िता की मौत हो गई।
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