राम मंदिर मुद्दे पर केंद्र पर दबाव बनाने और दिखाने के लिए विश्व हिंदू परिषद के धर्म संसद कार्यक्रम में लाखों राम भक्तों का हुजूम पहुंच रहा है। रामनगरी छावनी में तब्दील हो चुकी है। यह छावनी संतों की नहीं, खाकी पहने जवानों की है। आदिकवि वाल्मीकि, कबीर, गुरु नानक और तुलसी के राम जिस भूमि पर ‘ठुमक चले रामचंद्र बाजे पायलिया’ की लीला करते थे, वहां जवानों के बूटों की थाप और मंदिर निर्माण के लिए अधीर जनसमूह के कदमों की चाप की गूँज है। देश ही नहीं विदेशों की मीडिया और सरकारों की निगाहें एक बार फिर रामलला विराजमान बनाम बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर गड़ी है। देश के सबसे पुराने विवाद व मुकदमे की शुरुआत साल 1885 में महंत रघुवर दास के मंदिर निर्माण का वाद फैजाबाद के स्थानीय अदालत में दायर करने से प्रारम्भ हुई थी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इकबाल अंसारी के आवास की सुरक्षा बढ़ा गई[/penci_blockquote]
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी के आवास की सुरक्षा बढ़ा गई है। मुख्य मार्ग से आवास की तरफ जाने वाली सड़क को सील किया गया है। दोनों तरफ आरएफ की कंपनी लगाई गई हैं। सिविल पुलिस भी तैनात है। अयोध्या में शिव सैनिकों की मौजूदगी को देखते प्रशासन ने फैसला लिया है। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण मामले को लेकर उपजे माहौल से इकबाल अंसारी बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वह लगातार सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा समर्थकों की चहलकदमी से पहली बार अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में मुस्लिम पक्षकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने अपने को खतरा जताया है और सुरक्षा मांगी थी। उस समय तो उनकी सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई लेकिन जब धर्मसभा को लेकर उन्हें 1992 जैसे माहौल का अंदेशा हुआ तो उन्होंने फिर सुरक्षा की गुहार लगाई। इसके बाद उनकी सुरक्षा में कुछ इजाफा किया गया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]छावनी में तब्दील है अयोध्या[/penci_blockquote]
इस बीच अब जब पूरा पूरी अयोध्या में सुरक्षा ब्यवस्था चाक चौबंद करने की जरूरत महसूस होने लगी तब इकबाल अंसारी की सुरक्षा में उनके घर को किले में तब्दील कर दिया गया। दरअसल, धर्मसभा को लेकर उपजे माहौल के कारण यहां पर बाबरी मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी के कहा था कि अयोध्या में बढ़ती भीड़ को लेकर उन्हें जान का खतरा है। तोगडिय़ा के आने के बाद से तरह-तरह के लोग उनसे मिलने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को मेरी सुरक्षा को बढ़ाना चाहिए। शांति व्यवस्था तथा भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जिला पुलिस के अतिरिक्त 5 एसपी,10 डीएसपी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, 42 कंपनी पीएसी तथा 5 कंपनी आरएएफ तथा एटीएस के कमांडो भी अयोध्या में तैनात हैं। पूरे क्षेत्र पर ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी कैमरों का ज़ाल बिछ चुका है। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से अयोध्या को 9 जोन, 16 सेक्टर व 30 माइक्रो सेक्टर में बाँटा गया हैं।
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