आगामी लोक सभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं पर कार्यवाई करने का सिलसिला भी अखिलेश यादव ने शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत को पद से हटाते हुए पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। अब जल्द ही नई कार्यकारिणी और प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
नवंबर से शुरू हुआ था घमासान :
उत्तराखंड समाजवादी पार्टी में घमासान नवंबर में प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के दो प्रदेश महासचिव व एक जिलाध्यक्ष को निलंबित करने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद निलंबित पदाधिकारियों ने लखनऊ जाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा था। इसके बाद अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष के फैसले को पलटते हुए तीनों पदाधिकारियों को बहाल कर दिया।
पार्टी में वापसी होने के साथ ही प्रदेश महासचिव अतुल शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत पर गुटबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आरोप लगने पर प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात बात रखी जायेगी।
गुटबाजी से नाराज हैं अखिलेश यादव :
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टी के भीतर बढ़ती गुटबाजी से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव काफी नाराज थे। यही कारण है कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत को पद से हटाते हुए पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया। इस पर प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत ने कहा कि उन्होंने निकाय चुनावों की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा था और प्रदेश में चल रहे पूरे प्रकरण से भी उन्हें अवगत कराया था।