लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक हुई है। सपा-बसपा का गठबंधन प्रमुख माना जा रहा है। इन दो पार्टियों के गठबंधन की बात पता चलते ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए चुनौती साबित होने लगी है। सपा और बसपा की संयुक्त प्रेसवार्ता शुक्रवार को लखनऊ के होटल ताज में आयोजित की गई। इस प्रेसवार्ता से पहले ही शहर अखिलेश और मायावती के पोस्टरों से पटा पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के सामने गोल्फ पार्क में लगे अखिलेश-मायावती की प्रेस कांफ्रेंस के पोस्टर प्रशासन ने फाड़ के फेंकवा दिए। आगामी लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों को लेकर सभी पार्टियां जी तोड़ मेहनत करने में जुटी हुई हैं। ये सपा-बसपा का गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है।

संयुक्त प्रेसवार्ता से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने होटल ताज पहुंचकर जायजा लिया। माया और अखिलेश के मंच को बहुत ही बढ़िया तरीके से सजाया गया था। जिस स्थान पर सपा-बसपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैठे थे उसके पीछे दोनों की बड़ी बड़ी तस्वीरें भी पोस्टर में लगाई गईं थीं। वहीं होटल के बाहर सड़क और चौराहों पर लगे बैनर पोस्टरों में एक नारा ‘बसपा व सपा आयी है, नई क्रांति लाई है लिखा है। पोस्टर से मुलायम सिंह यादव की तस्वीर गायब है।

बता दें कि सपा-बसपा का वर्ष 1993 में ‘मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम’ नारा था। वहीं एक और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हाथी की सूंड है जबकि दोनों कान की जगह साईकिल के दो पहिये दिखाए गए हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो कि गुरू और चेले हैं उनकी नींद उड़ाने के लिए आज प्रेस कॉन्फ्रेंस- मायावती[/penci_blockquote]
अखिलेश यादव होटल ताज पहले पहुंचे। उन्होंने मायावती का बुके देकर मुस्कुराते हुए मायावती का स्वागत किया। अखिलेश यादव और मायावती दोपहर 12:00 बजे मंच पर पहुंचे। मायावती ने प्रेस को संबोधित करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि आज बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के दोनों राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद हैं।नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो कि गुरू और चेले हैं उनकी नींद उड़ाने के लिए आज प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है। आज की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी 1993 में लोहिया जी अंबेडकर जी ने विधानसभा में गठबंधन किया था। देश के हित में गेस्ट कांड को भुलाकर आज चुनाव में गठबंधन का फैसला लिया है। बीजेपी के तानाशाही और अहंकारी स्वभाव से देश दुखी है। खासकर उत्तर प्रदेश में एकजुट होने की अच्छी खासी जरूरत है। आज का गठबंधन 2019 के लिए एक नया रास्ता दिखाएगी। ऐसे में समाजवादी पार्टी और बीएसपी के गठबंधन से समाज में बहुत सी उम्मीदें जाग गई हैं। आप लोग जानना चाहते हैं कि कांग्रेस को हमने गठबंधन में क्यों नहीं लिया गया। कांग्रेस ने देश पर एक छत्र राज किया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]केंद्र और प्रदेश में भाजपा ने बेईमानी से सरकार बनाई- मायावती [/penci_blockquote]
2 जून 1995 में घटित हुए लखनऊ गेस्टहाउस कांड के लिए ऊपर रखते हुए एक बार फिर हमने इस देश में लगभग देश के माहौल को देखते हुए गठबंधन का फैसला लिया है। मायावती ने कहा कि भाजपा की सांप्रदायिक, जातिवादी, नीची मानसिकता की राजनीति से देश की सवा सौ करोड़ जनता चुनावी वादा खिलाफी करने से दुखी है। भाजपा की केंद्र की और राज्यों की सरकारों के तानाशाही रवैये से जनता काफी दुखी है। माया ने कहा कि लोकसभा के आने वाले शीघ्र चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन का फैसला लिया है। मायावती ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से देश की उम्मीदें जाग गई हैं। गरीब, महिलाओं, दलितों, शोषितों, पिछड़ों, युवाओं, बेरोजगारों के लिए भी ये गठबंधन क्रांति लाएगा। इसके साथ ही लोक सभा और राज्य में अपनी बेईमानी से सरकार बनाई है। प्रदेश और देश की जनता की नाराजगी को देखते हुए हमने गठबंधन किया है। इन चुनावों में कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई। अगर गठबंधन सही हुआ तो केंद्र में बीजेपी को रोका जा सकता है।

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