भारत की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन 18) के लॉन्च होने के एक दिन बाद ही खराबी आ गई। ट्रेन को आगरा मंडल के टूंडला में रोका गया। इसमें सफर कर रहे लोगों को अन्य ट्रेन से आगे के लिए रवाना किया गया। इटावा के बाद पशु के ट्रैक पर आकर कट और इंजन में फंस जाने से सुबह पांच बजे के करीब ट्रेन का इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हुआ। तीन घंटे की भारी मशक्कत के बाद हो सकी दिल्ली के लिए रवाना। चूंकि ट्रेन का पूरा सिस्टम आम ट्रेनों से भिन्न है, लिहाजा रेलवे वर्कशॉप के इंजीनियर और तकनीशियनों को नहीं समझ में आई प्राब्लम।
इंटीग्रल कोच फैक्टरी के इंजीनियरों की सलाह पर हो सकी खामी दुरुस्त। बताया जाता है कि नील गाय ट्रैक पर आ गई थी। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका, लेकिन नीलगाय इंजिन और ट्रैक के बीच में फंस गई, जिसे निकालने में समय लगा। अब इस ट्रेन की दिल्ली में पूरी जांच होगी। इन हालात में इसके कल रविवार से नियमित संचालन की संभावनाओं पर प्रश्नचिह्न लग गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन का सारा डिजाइन और सिस्टम आई सीएफ, चेन्नई के पूर्व महाप्रबंधक सुधांशु मणि को पता है। लखनऊ के मणि को इस ट्रेन के उद्घाटन में बुलाये जाने की उम्मीद की जा रही थी। किन्तु उन्हें न देखकर रेल संवाददाताओं को भी आश्चर्य हुआ था। अब कहा जा रहा है कि ट्रेन चलाने के लिए उन्हें बुलाना ही पड़ेगा।
वंदे भारत ट्रेन को कल नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। ट्रेन में सवार होकर रेल मंत्री पीयूष गोयल भी नई दिल्ली से वाराणसी तक गए थे। आज वाराणसी से दिल्ली आ रही इस ट्रेन में खराबी आ गई जिसके बाद इसे टुंडला स्टेशन पर रोक दिया गया है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अभी भी ट्रायल रन पर है। ट्रेन कल पहली बार यात्रियों को लेकर नई दिल्ली से वाराणसी तक के अपने सफर पर निकलेगी। पीछे के कोच के ब्रेक जाम हो गए थे। धुआं निकल रहा था। तेज आवाज सुनकर लोको पायलट ने ट्रेन रोकी। सभी कोच की बत्ती गुल हो गई थी। कानपुर से आगे निकलने के बाद ट्रेन में खराबी की शिकायत आई जब एक अजीब सी आवाज आने लगी।
ट्रेन के आखिरी कोच में आई कुछ खराबी की शिकायत के बाद ट्रेन को उत्तर प्रदेश के टुंडला जंक्शन से 15 किलोमीटर दूर रोक दिया गया। ब्रेक डाउन के बाद वंदे भारत में सवार मीडिया कर्मियों को विक्रमशिला एक्सप्रेस से नई दिल्ली रवाना किया गया। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे ट्रैक पर कुछ पशुओं की आने की वजह से ट्रेन की यात्रा बधित हुई। अधिकारियों के अनुसार पटरी से अवरोध को हटाने के बाद सुबह 8.30 बजे ट्रेन का संचालन दोबारा हो सका। उन्होंने बताया कि ट्रेन का ट्रायल रन था, ट्रेन का कमर्शियल संचालन 17 फरवरी से शुरू होगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दगा दे गया वंदे भारत एक्सप्रेस का इंजन[/penci_blockquote]
वाराणसी से लौटते समय हाथरस के पास चमरोला स्टेशन पर इंजन खराब हुआ । सुबह साढ़े छह बजे से खड़ी हुई ट्रेन, सवा आठ बजे गई। यात्रियों को विक्रम शिला एक्सप्रेस से रवाना किया गया। वंदे भारत एक्सप्रेस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। प्रतिबंधों के चलते 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। सुबह 6 बजे दिल्ली से चलकर ट्रेन दोपहर 2 बजे वाराणसी पहुंच जाएगी। दिल्ली से वाराणसी तक का सफर महज 8 घंटो में पूरा कर सकेगी। पहले सफर के लिए नौ घंटे 45 मिनट का समय लेगी इस बीच ट्रेन प्रयागराज और कानपुर सिर्फ दो स्टेशनों पर रुकेगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल वंदे भारत ट्रेन को नई दिल्ली से हरी झंडी दिखाई थी। इसका संचालन नई दिल्ली से प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी तक हो रहा है। ट्रेन कल सुबह 11.20 बजे रवाना हुई थी। वंदे भारत एक्सप्रेस 17 फरवरी से आम यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। वेंदभारत एक्सप्रेस सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होगी और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचेगी। उसी दिन यह ट्रेन वाराणसी से तीन बजे चलेगी और रात 11 बजे दिल्ली पहुंचेगी। सोमवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर ट्रेन सप्ताह में पांचों दिन चलेगी। दिल्ली से वाराणसी जाने के लिए वातानुकूलित कुर्सीयान के टिकट का किराया 1760 रुपये है और एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3310 रुपये है। वापसी में वातानुकूलित कुर्सीयान के टिकट का किराया 1700 रुपये और एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3260 रुपये है। दोनों किराये में खान-पान का भी शुल्क शामिल है।
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