उच्चतम न्यायालय ने बैंकों का ऋण चुकता नहीं करने के आरोपी उद्योगपति विजय माल्या को चार सप्ताह के भीतर विदेशों में स्थित अपनी परिसम्पत्तियों का पूरा ब्योरा देने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने दिखाई सख्ती-
- न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने माल्या को आड़े हाथों लिया.
- उन्होंने चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की रकम का विवरण नहीं देने के लिये भी फटकारा.
- यह रकम उन्हें इस साल फरवरी में ब्रिटिश फर्म डियाजियो कंपनी से मिली थी.
- न्यायालय का यह आदेश उस वक्त आया जब बैंकों के कंसोर्टियम ने अवगत कराया कि माल्या ने अपनी सम्पत्तियों और देनदारियों का पूरा ब्योरा नहीं सौंपा है.
- इससे पहले न्यायालय ने केंद्र सरकार से माल्या के मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी चाही.
- इस पर एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि माल्या इन दिनों लंदन में हैं.
- कंसोर्टियम ने शीर्ष अदालत को बताया है कि उसके 9000 करोड़ रुपये शराब कारोबारी माल्या पर बकाया हैं.
- गत 26 अप्रैल को भी न्यायालय ने माल्या से अपने सम्पत्तियों का ब्योरा देने को कहा था.
- लेकिन वह इस पर खरे नहीं उतरे हैं.
- माल्या ने इससे पहले न्यायालय भारत में अपनी संपत्ति के विवरण से अवगत कराया था.
- न्यायालय ने इसके साथ इस मामले की सुनवाई 24 नवबंर के लिये स्थगित कर दी.
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