कुंभ मेला में आखिरी स्नान पर्व पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगायेंगे डुबकी
सोमवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही हर हर महादेव के जयघोष से पूरा गोंडा गूंजने लगा है। चार मार्च को महाशिवरात्रि है। शिव भक्त जोर शोर से इस दिन शिवरात्रि मानने की तैयारी में हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार व्रत फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर किया जाता है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। इसलिए हर महीने कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भी शिवरात्रि व्रत किया जाता है, जिसे मास शिवरात्रि व्रत कहा जाता है। श्रद्धा-भक्ति और विश्वास का कारवां उफनाया तो रविवार का शाम सब कुछ थम सा गया।
- न सड़कों पर पैदल चलने की जगह बची न संगम पर खड़ा होने की।
- कुंभ मेला प्रशासन ने आखिरी स्नान पर्व पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है।
- इस तरह सालभर में 12 शिवरात्रि व्रत किए जाते हैं लेकिन इनमें फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी बहुत खास है।
- मार्च में आने वाली इस तिथि को महाशिवरात्रि के रुप में मनाया जाता है।
- इस पर पूरे दिन व्रत किया जाता है और मध्यरात्रि में शिवजी की पूजा की जाती है।
भोर से ही जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं का लग गया तांता
नगर में त्रेतायुग के सुप्रसिद्ध बाबा दुःखहरण नाथ मंदिर में शिवपिंडी, खरगूपुर में महाभारत कालीन पृथ्वीनाथ मंदिर में स्थापित विश्व के सबसे ऊंचे देवाधिदेव महादेव के शिवलिंग व अन्य शिवालयों में आज महाशिवरात्रि पर्व पर भोर से ही जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
- दुःखहरण नाथ मंदिर के महंत बाबा रुद्र नारायण गिरि ने बताया कि दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने कतारों में लग कर हर हर महादेव, कैलाशपति की जय, बाबा दुःखहरणनाथ की जय, देवाधिदेव महादेव की जय और जय भोले के गगनभेदी जयकारे लगाते हुये जलाभिषेक कर रहे हैं।
- बाबा दुःखहरण नाथ पार्थिव पूजन सेवा समिति के अध्यक्ष संदीप मेहरोत्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर नगर के तिवारी बाबा मंदिर से निकली शिवबारात फव्वारा चौराहा होते हुये बड़गाव पुलिस चौकी तक निकलेगी।
जयकारे लगाते हुए व गंगा माता के गीत गाते संगम की ओर बढ़ती नजर आई लयबद्ध भीड़
पौराणिक पृथ्वीनाथ मंदिर समेत सभी शिव मंदिरों में सुबह से जलाभिषेक शुरू हो गया। महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व पर कुंभ की अमृतधार को अंतस में संजोने के लिए एक बार फिर भक्ति का जन प्रवाह प्रस्फुटित हुआ। हर मन में प्रयाग और हर दिल में संगम की पवित्रता का भाव लेकर लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाकर जीवन धन्य बनाने के लिए उमड़ पड़े।
- 450 अतिरिक्त जवान महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में तैनात
- 01 करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगा सकते हैं आखिरी स्नान पर्व पर डुबकी
- 02 अतिरिक्त पार्किंग गंगा पार सेक्टर-16 और 17 में बनाई गई
- भोर से ही संगम की ओर आस्था की लहरें हिलोरें मारने लगीं।
- कुंभ की पहचान बनीं सिर की गठरी फिर हर किसी के कंधे पर लटकी नजर आई।
- कोई झोला संभाले बढ़ा तो कोई कंबल और बिछौना बांधे हुए बढ़ता रहा।
- रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से उतरने वाले श्रद्धालुओं से सिविल लाइंस, बख्शी बांध, झूंसी और नैनी से संगम की ओर जाने वाली सड़कें पट गईं।
जयकारे लगाते हुए v गंगा माता के गीत गाते संगम की ओर बढ़ती नजर आई लयबद्ध भीड़
हर किसी की चाहत बस संगम पर पहुंचने की रही। लोग संगम का रास्ता पूछते मीलों पैदल चलते आगे बढ़ते रहे। सीएमपी चौराहा, बालसन चौराहा, सोहबतिया बाग अंडरपास के निकट तो वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। हर्षवर्धन चौराहे के पास से धक्का खाते पैदल चलने वालों को भी पसीना छूटता रहा। इससे आगे चाहे काली सड़क हो या लाल सड़क या फिर किला रोड और त्रिवेणी मार्ग। हर तरफ से लयबद्ध भीड़ जयकारे लगाते, गंगा माता के गीत गाते संगम की ओर बढ़ती रही।
- कुंभ मेला प्रशासन ने आखिरी स्नान पर्व पर सुरक्षित और व्यवस्थित डुबकी लगाने के इंतजामों की जानकारी दी।
- बताया कि रेला उमड़ने की वजह से घाटों पर पैरामिलिट्री के अलावा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।
- जल पुलिस के गोताखोर लगातार निगरानी कर रहे हैं।
- साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।
- भीड़ को देखते हुए एक से लेकर छह नंबर तक के सभी छह पांटून पुलों पर यातायात रोक दिया गया है।
- ताकि वाहनों की आवाजाही के चलते श्रद्धालुओं को पैदल आने-जाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
रिपोर्ट- संजीत सिंह सनी
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