पिछले दिनों मुलायम कुनबें में मचे घमासान में सीएम अखिलेश यादव को जिस तरह से एक बाद एक शिकस्त झेलनी पड़ रही है उसके बाद अब अखिलेश यादव भी आगे बढ़ जाने के मूड में हैं। यूं तो मुलायम सिंह यादव पार्टी और परिवार के मुखिया हैं, परिवार एवं पार्टी का प्रत्येक सदस्य उनका सम्मान करता है और उनके मुंह से निकली हर एक बात आदेश की तरह होती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में मुलायम ने जिस तरह से बेटे अखिलेश के हर फैसले को पलटा है। उसके बाद सपा परिवार में वर्चस्व की एक नई जंग छिड़ गयी है।

  • पिछले दिनों मुलायम कुनबे में शुरू हुआ सियासी संग्राम अभी भी पूरी तरह से थमा नहीं है।
  • बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं।
  • सूत्रों के मुताबिक परिवार में झगड़े का पेंच अब अखिलेश के दो चाचाओं के बीच आकर फंसा हुआ है।
  • एक तरफ मुलायम के साथी शिवपाल यादव है तो दूसरी तरफ अखिलेश समर्थक रामगोपाल यादव।
  • शिवपाल से नाराज होकर जब अखिलेश ने उन्हें और उनके समर्थक तीन मंत्रियों को बर्खास्त किया।
  • इसके जवाब में मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया।
  • रामगोपा कभी मुलायम के भरोसेमंद और पार्टी के थिंक टैंक हुआ करते थे।
  • लेकि अब वे मुलायम की नजरों से इस कदर उतर चुके हैं कि उनकी बातों का कोई महत्व नहीं बचा है।
  • मुलायम का मानना है कि वो रागोपाल ही हैं जिसने अखिलेश को उनके खिलाफ भड़काया है।

बर्खास्तगी के बाद रामगोपाल ने लिखा एक और पत्र!

अभी भी सुलग रही है आगः

  • रामगोपाल को बाहर करने के बाद मुलायम अखिलेश और शिवपाल के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस करना चाहते थे।
  • जिससे पार्टी में सब कुछ सामान्य है ऐसा संदेश जा सके।
  • लेकिन ऐसा हुआ नहीं, अखिलेश प्रेस कॉन्फ्रेस में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे।
  • सूत्रों के मुताबिक अब अखिलेश यादव चाहते हैं उनके खेमे के रामगोपाल यादव को ससम्मान महासचिव पद लौटाया जाए।
  • लेकिन मुलायम बेटे की इस जिद के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं।
  • बरहाल परिवार में सुलह की तमाम कोशिशें फेल होती हुई दिखाई दे रहीं हैं।

राज्यसभा में प्रो. रामगोपाल यादव की जगह लेंगे बेनी प्रसाद वर्मा!

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