बाराबंकी जिला के देवा इलाके के मंडौरा की एलएलबी छात्रा नीतू रावत (20) की हत्या के खुलासे का दावा पुलिस ने किया है। पुलिस के मुताबिक नीतू की हत्या पति रामअनुज ने नहीं बल्कि उसके भाई मंजीत व बेटे मनीष ने की थी। घटनाक्रम साफ होने के बाद पुलिस ने बेटे मनीष को जेल भेजा है। वहीं पूर्व में जेल में बंद पति रामअनुज की रिहाई पर जल्द फैसला भी हो सकता है। सीओ सिटी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि चार फरवरी की सुबह मंडौरा गांव के बाहर पेड़ से रस्सी के सहारे लटकता हुआ नीतू रावत का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नीतू के सिर में गंभीर चोट की बात कहीं गई थी।
मामले में नीतू की मां बिटाना ने नीतू के पति रामअनुज उर्फ पप्पू व रामअनुज के भाई मंजीत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। इस पर पुलिस ने नौ फरवरी को आरोपित पति रामअनुज व मंजीत को जेल भेज दिया था। सीओ ने बताया कि मामले की जांच चल ही रहीं थी कि सर्विलांस व ग्रामीणों से डीटेल पूछताछ में सामने आया कि चार वर्ष पहले रामअनुज ने नीतू से कोर्ट मैरिज की थी। बेइज्जती होने के कारण चाचा-भतीजे ने नीतू को मौत के घाट उतार दिया। इन लोगों ने उसके सिर पर जानलेवा हमला किया फिर बेहोश हो जाने पर उसे पेड़ से लटका दिया। इससे उसकी मौत हो गई। सीओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह वारदात मंजीत व मनीश के अंजाम देने की बात सामने आई है। जल्दी ही जेल में बंद रामअनुज की रिहाई कराने का निर्णय किया जा सकता है।
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