गठबंधन रायबरेली व अमेठी सीट पर भी उतार सकती है अपना उम्मीदवार

जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही।  वैसे वैसे सभी पार्टियाँ अपना अपना दम खम दिखाने के लिए चुनावी मैदान में उतर चुकी है। वही लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार शाम को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती से लखनऊ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों की करीब डेढ़ घंटे की इस मुलाकात में अटकलें यह भी हैं कि सीटों पर प्रत्याशी उतारने और सूची जारी करने के साथ ही संयुक्त रैली के कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई।

  • खास बात यह है कि अखिलेश यादव अपने कोटे के 11 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुके हैं।
  • जबकि बसपा की सूची सोशल मीडिया पर वायरल को गई है।
  • बसपा ने न उसका खंडन किया है और न ही उसकी पुष्टि की है।
  • जहां पहले सपा-बसपा गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ीं थीं।
  • अब गठबंधन रायबरेली व अमेठी सीट पर भी अपने उम्मीदवार उतार सकता है।
मायावती का दबाव है कि रायबरेली से सोनिया व अमेठी में राहुल के खिलाफ उतारा जाएं प्रत्याशी

अटकलें लगाई जा रही हैं कि मायावती का दबाव है कि रायबरेली में सोनिया गांधी और अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ प्रत्याशी उतारे जाएं। बैठक के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर फोटो जारी की और कहा कि आज एक मुलाकात महापरिवर्तन के लिए…। हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

  • ऐसा माना जा रहा है कि गठबंधन में सपा-बसपा के बीच सीटों के बंटवारे में कुछ संशोधन हो सकता है।
  • एक-दो सीटों की अदला-बदली को लेकर भी चर्चा हुई है।
  • दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो से मुलाकात कर प्रदेश के सियासी हालात पर चर्चा की।
  • इस दौरान चुनाव प्रचार के लिए संयुक्त रैलियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गईं।
  • बैठक के दौरान कांग्रेस के प्रति तल्खी दिखाई पड़ी।

रायबरेली व अमेठी सीट पर भी अपने उम्मीदवार उतार सकता है गठबंधन

हालांकि, अभी कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन ऐसे संकेत हैं।  कि रायबरेली व अमेठी सीट पर भी गठबंधन अपने उम्मीदवार उतार सकता है।  मायावती इस बात से भी नाराज हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा मेरठ के अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर से मिलने गईं। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद अखिलेश यादव की मायावती से यह पहली मुलाकात थी।

  • पश्चिमी यूपी में पहले, दूसरे और तीसरे चरण में अप्रैल महीने में ही चुनाव होने है।
  • पहले चरण की 8 सीटों के लिए 18 अप्रैल से नामांकन पत्र भरने का काम शुरू हो जाएगा।
  • इन सीटों पर 11 अप्रैल को वोटिंग होनी है।
  • समय कम है, इसलिए गठबंधन की एकजुटता का संदेश देने के लिए मायावती व अखिलेश यादव संयुक्त सभाएं करेंगे।
  • बैठक में जल्द ही रैलियों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी।
  • इससे पहले सपा व बसपा के साथ ही रालोद नेता जिला या लोकसभावार अलग-अलग सभाएं करेंगे।
गठबंधन में सपा-बसपा के बीच सीटों के बंटवारे में हो सकता है कुछ संशोधन

अखिलेश व मायावती के बीच करीब एक घंटा चली सीधी बातचीत में कई सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा हुई ताकि सोशल इंजीनियरिंग का संदेश दिया जा सके।  इनमें तीनों दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय कायम किया जाएगा ताकि वे एक-दूसरे को अपने वोट ट्रांसफर कर सकें। कई जिलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

  • ऐसा माना जा रहा है कि गठबंधन में सपा-बसपा के बीच सीटों के बंटवारे में कुछ संशोधन हो सकता है।
  • एक-दो सीटों की अदला-बदली को लेकर भी चर्चा हुई है।
  • मायावती ने कांग्रेस के प्रति कड़े तेवर दिखाए हैं।
  • मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा जब गुजरात में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहीं थी।
  • तो मायावती ने कांग्रेस से किसी भी राज्य में गठजोड़ की संभावना से इन्कार किया था।
गठबंधन ने यूपी में कांग्रेस के प्रति और किया  रुख सख्त

अब उन्होंने यूपी में कांग्रेस के प्रति और सख्त रुख कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले मनोनयन की रेवड़ियां बांटने को लेकर उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भी घेरा।

  • अखिलेश से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाए रखने पर जोर दिया।
  • बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है कि रायबरेली व अमेठी से प्रत्याशी उतारने पर क्यों न विचार किया जाए।
  • गौरतलब है कि गठबंधन ने ये दोनों सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी थी।
रिपोर्ट:- संजीत सिंह सनी

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