भदोही:- नहीं रहें ओंमकार नाथ.! काशी के बाद डेरवॉ माँ शीतला धाम, जन्मभूमि ‘गंगा घाट’ हुआ ‘अस्थिरूपी’समाहित

भदोही :- कर्मभूमि में जीवनयापन करते-करते अचानक आखिरी दौर भले आ जाता है लेकिन अस्थिरूपी जन्मभूमि में समाहित होने का सौभाग्य भी बड़े नसीब वालों को प्राप्त होता है। भदोही जनपद में ओमकार नाथ नहीं रहे की खबर उनके परिवार व रिश्तेदारों में पहुंचने पर लोग शोक संतप्त हो उठे।
गौरतलब है कि भदोही जनपद अंतर्गत डेरवॉ भवानीपुर निवासी ओमकार नाथ पाडेंय का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया. FMC फ्रैंच मोटर्स में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत रहे थे. भले ही असम के गुवाहाटी में अकास्मिक निधन हो गया और ब्रम्हपुरा भुत नाथ में अतिंम संस्कार हुआ लेकिन उनकी अस्थियों का विसर्जन काशी और निवास स्थान डेरवॉ माँ शीतला गंगा घाट पर प्रवाहित किया गया. अस्थिरूपी जन्मभूमि में समाहित होने वाले ओमकार नाथ पाडेंय के प्रति उनके परिवार व रिश्तेदार काफी लगाव रखते थे. शोक संतप्त पत्रकार अनंतदेव पांडेय बताते हैं कि वे हमारे दादाश्री थे और उनके जाने से अब इतिहास की विभिन्न जानकारियों के साथ पुश्तैनी परंपराओं की पगडंडी से भी रूबरू होने का मार्ग एक तरह से हमारे लिए बंद हो गया।

उनकी अस्थि को रविवार को काशी और उनके पैतृक गाँव डेरवॉ भवानीपुर के माँ शीतला गंगा घाट पर प्रवाहित किया गया।
इस दौरान समाज पत्रकारों और गाँव वालों ने उनके आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजली व्यक्त की है।

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