सुल्तानपुर । सत्तापक्ष के लम्भुआ विधायक देवमणि द्विवेदी के लेटर बम ने ब्यूरोक्रेसी में हडकम्प मचा रखा है , तो वहीं शासन से चल रही कोविड किट घोटाले की जांच की आंच सुल्तानपुर में देखने को मिली है। जहाँ अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने चिट्ठी जारी करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी के के सिंह चौहान को सस्पेंड करते हुए जांच शुरु कर दी है।
#सुल्तानपुर :सत्तापक्ष के विधायक ने डीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी इंदुमती ने पत्रकारों को बुला करअपना पक्ष रखा. @dmsultanpur @UPGovt @CMOfficeUP@myogiadityanathhttps://t.co/92efPEAPUC
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) September 4, 2020
विधायक ने पत्र लिख डीएम पे आपदा को अवसर में बदलने के लगाये थे आरोप।
भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिलाधिकारी सी इन्दुमती पर कोविड किट खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाते हुए शासन स्तरीय जांच की मांग कर डाली थी । सत्ताधारी विधायक के आरोप का पत्र वायरल होते ही सरकारी अमले में हडकम्प मच गया और आनन फानन में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने शासन स्तरीय जांच बैठा दी ।
विधायक के भ्रष्टाचार के आरोप के बाद शासन के सख्त तेवर व शासन स्तरीय जांच बैठने के बाद डीएम सी इन्दुमती ने सत्ताधारी पार्टी के विधायक देवमणि द्विवेदी पर पलटवार करते हुए पूरे घटनाक्रम को कम्यूनिकेशन गैप करार देते हुए आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बतला डाला था । और पत्रकारों को एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि शासन द्वारा 24 जुलाई 2020 को सरकार द्वारा राजाज्ञा जारी की गई थी , जिसमें कोविड किट के पल्स ऑक्सीमीटर व आई आर थर्मामीटर की आपूर्ति ग्राम पंचायतों में करने को लेकर 2800 रूपये का निर्धारण किया गया था , लेकिन सुल्तानपुर जिला प्रशासन के द्वारा शासनादेश की अनदेखी करते हुए सरकार द्वारा निर्धारित 2800 रूपये से बढ़कर 9950 रूपये में खरीद कर , कार्यदायी संस्था का बिल 8 अगस्त 2020 को शासनादेश की अनदेखी करते हुए धन को सप्लाई देने वाली फर्म को धन स्वीकृत कर दिया ।
सपा के पूर्व विधायक ने सरकार पर साधा निशाना।
सत्ता पक्ष पर हमलावर होते हुए सपा पूर्व विधायक अनूप सण्डा ने सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए कहाकि सरकार के इसारे पर भष्टाचार अपने चरम पर है व शासन द्वारा डीपीआरओ को निलम्बित करना यह साबित करता है कि कोविड किट में भ्रष्टाचार हुआ है ।
हालांकि अब पूरे मामले की जांच उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मण्डल के द्वारा करने की बात कही गयी है । जब इस बाबत जिलाधिकारी सी इन्दुमती का पक्ष जानने की कोशिश की गयी तो उन्होंने बयान देने से साफ इंकार कर दिया ।
रिपोर्ट – ज्ञानेंद्र