भोपाल में जेल से भागे सिमी आतंकियों ने भागते वक्त कांस्टेबल रमाशंकर यादव की हत्या कर दी। शहीद रमाशंकर यादव यूपी में बलिया जिले के राजपुर गांव में रहन वाले थें। इस वक्त राजपुर गांव के इस घर में मातम छाया हुआ है। रमाशंकर की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव में शोक पसरा हुआ है। जिसे भी इस दुखद घटना की खबर मिल रही है वो रमाशंकर के घर पहुंच रहा है।
- रमाशंकर की बेटी की शादी अगले महिने दिसम्बर में होने वाली थी।
- लेकिन उनका कन्यादान का यह सपना अधूरा ही रह गया।
- शहीद रमाशंकर यादव के बेटी की शादी 9 दिसंबर को होने वाली थी।
- बेसुध शहीद की बेटी ने कहा कि आतंकियों ने ना सिर्फ देश का सच्चा सिपाही हमसे छीना बल्कि मेरे पापा को मुझसे दूर किया गया।
- बेटी के सवाल सबक दिलों पर आघात करते हैं कि “अब मेरी मेरी डोली कौन उठाएगा, कौन मेरा कन्यादान करेगा”।
- रमाशंकर यादव अपनी बेटी की शादी करने वाले थे लेकिन 40 दिनों पहले ही वह परिवार को छोड़ गये।
- जो पिता अपनी बेटी को आर्शीवाद देकर विदा करने की तैयारी में थे उसे आतंकियों ने बेदर्दी से मार डाला।
- किसी को नहीं पता था कि इस घर से बेटी की डोली के पहले पिता की अर्थी उठेगी।
शहादत का बदलाः
- जेल से भागे आठों सिमी आतंकियों को मार कर रमाशंकर की शहादत का बदला तो ले लिया गया।
- लेकिन उनके परिवार के दिल में ये दर्द जिंदगी भर रहेगा।
- रमाशंकर यादव स्वभाव में बेहद सरल थे उनके दिल में देशभक्ति का जज्बा था।
- उनके दोनों बेटे देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए हैं।
- रमाशंकर का परिवार जेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
हमले में इस्तेमाल किया प्लेट और ग्लासः
- उधर, मीडिया में चल रही खबरों में डीआईजी (भोपाल) रमन सिंह के हवाले से बताया गया है बीती रात 2 से 3 बजे के बीच आतंकी भागे हैं।
- आतंकियों ने पहले हेड गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या कर दी।
- आतंकियों ने हमले के लिए स्टील की प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल किया।
- इसके बाद जेल में ओढ़ने के लिए मिली चादरों की रस्सी बनाई।
- उसी के सहारे दीवार फांदी, और बाद भाग निकले।
- बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ आतंकी वे भी हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भागे थे।
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