हरदोई के एकलौता कोविड अस्पताल बदहाल – बदहाली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर हुई वायरल ।
अस्पताल में गंदगी का अंबार मरीजों ने स्वास्थ्य महकमे पर लापरवाही का लगाया आरोप
हरदोई के एकमात्र सौ बेड के एल -2 कोविड हॉस्पिटल में 37 मरीजों का चल रहा है उपचार
हरदोई में कोरोना के 1902 सक्रीय मामले है
अस्पताल के अंदर भर्ती मरीजों ने अस्पताल के अंदर गंदगी और लापरवाही की खोली पोल
मरीजों का आरोप अस्पताल के अंदर मेडिकल स्टाफ बुलाने पर भी दवा या जांच के लिए नहीं पहुंचता
अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता के बाद भी मरीजों को नहीं मिल पा रही है प्रॉपर ऑक्सीजन
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ ने बचाव में कई तरह की दी दलीलें
वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना पेशेंट को लेकर अव्यवस्थाओं का हाहाकार मचा हुआ है लेकिन हरदोई जिले में मात्र 37 मरीज में ही स्वास्थ्य सेवाएं अभी से ही चरमराई हुई हैं अस्पताल के अंदर की अव्यवस्थाओं का पोल खोलने वाला वीडियो अस्पताल के अंदर मरीजों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया हुआ है। जिसमें अस्पताल के अंदर गंदगी का ढेर नजर आ रहा है वही हालात इतने बुरे हैं कि गैलरी में एक वृद्ध व्यक्ति भी लेटा हुआ है। अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल के अंदर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ तमाम बार बुलाने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचते हैं। वही ऑक्सीजन को लेकर भी दिक्कत बनी रहती है। कोरोना मरीजों के लिए बनाये गए इस हास्पीटल का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा पूरे मामले में बचाव में अपनी अलग तरह की दलील देने में जुटा हुआ है।
यह तस्वीरें हरदोई के कोरोना पेशेंट के लिए बनाए गए हंड्रेड बेड के संयुक्त चिकित्सालयकी हैं। कोरोना पेशेंट के लिए हरदोई जिले में इस समय यह एकमात्र अस्पताल काम कर रहा है। वैसे तो हो जनपद में वर्तमान में 1902 कोरोना संक्रमित केस है लेकिन इस इकलौते अस्पताल में मौजूदा समय में महज 37 लोग भर्ती हैं। जबकि बाकी होम आइसोलेशन पर हैं। इस अस्पताल में उन मरीजों का उपचार चल रहा है जिनमें ऑक्सीजन की कमी है। गंभीर कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के उपचार में लगा यह अस्पताल शुरुआती दौर में ही मरीजों की छोटी सी संख्या में बदहाल सा नजर आ रहा है। अस्पताल के अंदर गैलरी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है यही नहीं गैलरी में एक बुजुर्ग व्यक्ति कूड़े के ढेर के बीचो बीच लेटा हुआ है। यह तस्वीरें अस्पताल के अंदर उपचार करा रहे लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल की हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि अंदर कोई भी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उनके मरीजों को देखने कई बार बुलाने के बाद भी नहीं पहुंचता है जबकि ऑक्सीजन की व्यवस्था भी डांवाडोल रहती है। सिलेंडरों में आक्सीजन मौजूद होते हुए भी मरीजों को उसकी आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं हो पाती है। लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भी अस्पताल प्रशासन को फोन करना पड़ता है। यहां भर्ती एक मरीज के तीमारदार का आरोप है कि उनके पिता जी की तबीयत खराब थी और वह सुबह से शाम तक दवा देने के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी मृत्यु होने तक किसी ने भी उन तक दवा नहीं पहुंचाई जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी खुद कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है वही सीएमओ पूरे मामले में अपने बचाव में अलग-अलग दलील देने में जुटे हुए हैं।