अभी तक यह माना जाता था कि देश में मोबाइल टावरों की संख्या कम होने की वजह से काल ड्रॉप की समस्या हो रही है. लिहाजा सरकार ने मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों को एक लाख मोबाइल टावर लगाने का निर्देश दिया था. टावर निर्धारित लक्ष्य से पहले लगा दिए गए लेकिन कॉल ड्रॉप की समस्या से ग्राहकों को निजात नहीं मिली. इस मुद्दे पर संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मोबाइल कंपनियों की जमकर क्लास ली.

कॉल ड्रॉप की समस्या के बारे में बता सकेंगे ग्राहक-

  • मनोज सिन्हा ने धमकी दी गई कि अगर कॉल ड्रॉप की समस्या का समाधान नहीं हुई तो कंपनियों के खिलाफ अन्य कार्रवाई करने में कोई हिचक नहीं होगी.
  • सिन्हा ने बताया किपब्लिक के लिए कॉलड्रॉप को लेकर एक प्लेटफॉर्म बनेगा.
  • इस प्लेटफार्म जहां ग्राहक अपनी समस्या के बारे में बता सकेंगे.
  • इससे कंपनियों पर दबाव बनाने में आसानी होगी.
  • बैठक में मनोज ने कंपनियों से पूछा कि अभी तक वह टावर नहीं होने का बहाना बनाते थे.
  • आगे उन्होंने पूछा कि टावर भी लग गये फिर काल ड्रॉप क्यों हो रही हैं.
  • कुछ कंपनियों ने कहा कि लोग टावर लगाने की राह में स्वास्थ्य वजहों का बना कर रोड़ा डालते हैं.
  • सिन्हा ने उनसे पूछा कि कंपनियों ने आम जनता को इस बारे में जागरूक करने के लिए क्या किया है.
  • इसका कोई जवाब कंपनियों के पास नहीं था।
  • सिन्हा ने कहा कि आप अपनी ब्रांडिंग के लिए अरबों रुपये के विज्ञापन दे सकते हैं.
  • अपने ही कारोबार से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने वाले विज्ञापन क्यों नहीं दिखा सकते.

रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्शन का मुद्दा उठाया-

  • बैठक में रिलायंस जियो की तरफ से अन्य मोबाइल कंपनियों पर कॉल कनेक्ट नहीं कराने का गंभीर आरोप भी लगाये गये.
  • रिलायंस जियो के अधिकारियों ने 740 करोड कॉल ड्रॉप होने की वजह बताई.
  • अधिकारियों ने बताया कि 8 जुलाई से 28 अक्टूबर, 2016 के बीच दूसरी मोबाइल कंपनियों की तरफ से कनेक्शन नहीं दिया गया.
  • इस वजह से कंपनी सरकार की डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा पा रही है.

 

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें