वायु प्रदूषण अब एक खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका हैं और मौसम भी तेजी से बदल रहा हैं सर्दी की शुरूआत होने के कारण और वायु प्रदूषण को देखते हुए आईएमए और एचसीएफआई ने परामर्श जारी किए गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, कि छोटे-छोटे धूलकण बेहद खतरनाक होते हैं जो फेफड़ों के फाइबर्स को नुकसान पहुंचाते हैं इन्हें प्रत्यक्ष रूप नहीं देखा जा सकता हैं .
प्रदूषण से खतरा :
- दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 1000 से ज्यादा हो सकता है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.
- डॉ. अग्रवाल के अनुसार, ‘धूलकण से आंख, नाक और गले में जलन, खांसी,और सांस फूलना जैसी परेशानी हो सकती हैं.
- हम आपको बता दें लेकिन अस्थमा और पीओपीडी से पीड़ितों में लक्षण और भी गंभीर होते हैं.
- इसी कारण लम्बी सांस न ले पाना, खांसी, सीने में बेचैनी, छींक न आना आदि समस्याएं हो सकती हैं.
इससे बचने के उपाय :
- प्रदूषण बेहद खतरनाक है इसे कम करने के लिए व सांस लेने के लिए कोई उपाय निकालना चाहिए.
- प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए अंगीठी, गैस चूल्हे व धुए से दूर ही रहें.
- सांस तेज करने वाली गतिविधि को कम करें व जितना हो सके घर में ही समय बितायें.
- अगर आप थोड़ी देर के लिए भी बाहर जा रहें हैं तो एन : 95 या पी : 95 वाला श्वासयंत्र का इस्तमाल करें.
- धूल के नकाब पर ज्यादा निर्भर ना रहें यह बड़े धूलकण से तो बचा सकता हैं लेकिन छोटे कणों से सुरक्षा नहीं देते हैं.
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