डेंगू के बढते प्रकोप से आम जनता तो बेहाल थी ही डेंगू से पीड़ित डॉक्टर को मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने इलाज प्रदान करने में घंटों लगा दिए.
- लखनऊ ट्रामा सेंटर के पूर्व प्रभारी डॉक्टर सुरेन्द्र को डेंगू हो गया था.
- प्लेटलेट्स बारह हज़ार पहुँचने पर डॉक्टर्स ने खून चढाने की हिदायत दे दी.
बिना पैसे खून चढाने से कर्मचारियों ने किया इनकार
- केजीएमयू प्रशासन ने डॉक्टर सुरेन्द्र को खून देने में नाकों चने चबवा दिए।
- ये जानते हुए डॉक्टर्स और प्रोफेस्सोर्स को मिलता है अस्पताल में मुफ्त इलाज.
- फिर भी कर्मचारियों ने डेंगू पीड़ित डॉक्टर से पैसे की मांग कर दी.
डॉक्टर की हालत गंभीर होने के बावजूद खून चढाने से इनकार
- डेंगू पीड़ित डॉक्टर सुरेन्द्र के शर्रीर में खून की कमी से लाल चकत्ते पड़ गए थे .
- डॉक्टर्स ने इमरजेंसी में खून चढाने को बोला था.लेकिन फिर भी कर्मचारी पैसों को लेकर अड़ गए.
- डॉक्टर सुरेन्द्र के मित्र रात में प्लेटलेट्स लेने अस्पताल पहुंचे थे.
- बिना पैसे किसी प्रकार की सहायता करने से अस्पताल प्रशासन ने इनकार कर दियाथा.
- आठ हज़ार जमा करने के बाद ही पीड़ित डॉक्टर को खून चढ़ाया गया.
- डॉक्टर के साथ काम करने वाले मित्र डॉक्टर सुनील ने खून डोनेट किया किसके बाद उन्हें इलाज मिला.
वाकये के वक़्त सीनियर फैकल्टी मेम्बेर्स अस्पताल में थे मौजूद
- घटना से डॉक्टर्स और साथी मित्र बहुत गुस्से में हैं.
- एक डॉक्टर को इलाज करवाने में इतनी दिक्कत हो रही है.
- आम जनता जो डेंगू पीड़ित है उनकी हालत का इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है?
- इस घटना ने अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
- क्या एक मरीज़ की जान पैसे से ज्यादा कीमती है?
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