14 नवम्बर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. पंडित नेहरू को बच्चो से बहुत लगाव था. उनके अनुसार बच्चे अनमोल रत्न होते है. उनकी यही चाहत थी कि देश का हर बच्चा शिक्षा प्राप्त करे.
पंडित नेहरू थे बच्चों के लिए ‘चाचा नेहरू’-
- पंडित नेहरू का बच्चों से विशेष लगाव था.
- बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर बुलाते थे.
- पंडित नेहरू जब भी बच्चो से बात करते थे तो उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुनते और समझते थे.
- एक बार किसी बच्चे ने उनके जैकेट पर एक लाल गुलाब लगा दिया था, तब सेनेहरू जी अपने जैकेट में लाल गुलाब लगाना शुरू कर दिया था.
- जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य है.
- अगर बच्चों को शिक्षित किया जाये तो वो दुनिया में देश का नाम रोशन कर देंगे.
- 1964 में उनकी मृत्यु के बाद से 14 नवम्बर को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
युवा भारत को आगे बढ़ाना चाहते थे पंडित नेहरू-
- जवाहरलाल नेहरू की चाहत थी कि भारत को आगे ले जाने में युवा सहयोग करें.
- स्वतंत्रता के बाद उन्होंने बच्चों और युवाओं के कल्याण के लिए कार्य किये.
- इसके अंतर्गत उन्होंने कई शिक्षण संस्थान की स्थापना भी की.
- उन्होंने कई योजनाएं भी लागू की जिसमें बच्चों को प्राइमरी तक की शिक्षा मुफ्त किया.
- सत्ता में रहने के दौरान पंडित नेहरू ने गावों में करीब एक हज़ार स्कूलों की स्थापना की.
- बच्चो की कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में मुफ्त खाना और दूध की योजना बनाई.
यूनिवर्सल बाल दिवस-
- 20 नवम्बर को वैश्विक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
- संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को बाल दिवस के रूप में मानने की घोषणा की थी.
- इसका इरादा बच्चो की भलाई और हित करना था.
- वैश्विक तौर पर तो 20 नवम्बर को ही बाल दिवस मनाया जाता है.
- लेकिन अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन इसको मनाया जाता है.
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