उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रोड होल्डअप और गैंगरेप मामले में प्रदेश सरकार के कबीना मंत्री आजम खान द्वारा दिए गए विवादित बयान को जुर्म की श्रेणी में रखने के लिए दूसरे देशों के कानून और सिद्धांतो पर विचार करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट इन्हीं सिद्घातों के आधार पर दोषी ठहराए जाने के प्रावधान करेगा। अब इन देशो का कानून ही आजम के विषय में फैसला करेगा।
- मालूम हो कि आजम खान ने बुलंदशहर में 29 जुलाई की रात हुई गैंगरेप की वारदात को राजनीतिक साजिश बताया है।
- आजम खान के इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी
- आजम खान ने कहा था कि, सरकार को मामले का संज्ञान ऐसे भी लेना चाहिए कि, जो विरोधी दल सत्ता में आने को लालायित हैं उन्होंने सरकार को बदनाम करने के लिए ये कदम उठाया हो।
- आजम खान ने ये भी कहा कि, ऐसा हो सकता है, क्योंकि आज की राजनीति का स्तर बहुत गिर चुका है।
- आजम ने कहा कि बात सिर्फ इतनी नहीं है कि तीन बलात्कार हो गए।
- इसके पीछे का सच क्या है, वो मालूम होना बहुत जरूरी है।
नरीमन से सुझाया यूके और कनाडा का कानूनः
- आज के इस बयान के बाद पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मामले में याचिका दाखिल की थी।
- जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी चिंता जाहिर की थी।
- इसके बाद कोर्ट ने आजम खान और प्रदेश सरकार के जवाब तलब किया।
- साथ ही कोर्ट ने पीड़ित पक्ष की मदद के लिए वरिष्ठ वकील फाली एस नरीमन को नियुक्त किया।
- वहीं एडवोकेट नरीमन ने कहा कि इस मामले मे मीडिया ने बयान को पब्लिश किया है।
- इसलिए इन्हें भी केस में पार्टी बनाना चाहिए और सबूत कि रिकॉर्ड सुरक्षित रखने चाहिए।
- नरीमन ने इस संदर्भ में यूके और कनाडा में कानून की जानकारी भी दी।
- यूके के पूर्व पीएम ने वहां के पब्लिक लाइफ के संबंध में जो कानून बनवाए थे, वो वहां जारी है।
- कनाडा के सुप्रीम कोर्ट के बारे में बताया कि कि वहां का कोर्ट ‘नेग्लीजेंट इन्वेस्टीगेशन’ पर एक्शन लेता है।
- नरीमन ने कहा कि कुछ ऐसा ही कानून भारत में मंत्रियों के लिए भी लाया जाना चाहिए।
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