केंद्र सरकार ने मुस्लिम घर्म प्रचारक जाकिर नाइक के NGO पर 5 साल का बैन लगा दिया है. जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सरकार ने ये फैसला किया है. नाइक की संस्था को इसके पूर्व विदेशी चंदा लेने के कारण भी बैन झेलना पड़ा था.

बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के बाद जाँच के घेरे में आये थे जाकिर नाइक: 

  • जाकिर नाइक का फाउंडेशन उस वक्त विवादों में आया जब बांग्लादेश में आतंकी हमले हुए.
  • आतंकियों ने उस वक्त जाकिर के भाषणों का हवाला दिया था.
  • इसके बाद ही सरकार ने इस फाउंडेशन पर जाँच बिठा दी थी.
  • अब सरकार ने आतंक निरोधी कानून के तहत फाउंडेशन पर प्रतिबन्ध लगाने का फैसला किया है.
  • ये फाउंडेशन तकरीबन 800 लोगो का धर्म परिवर्तन कर चुका है.
  • फाउंडेशन पर आरोप है कि आर्शी कुरैशी और रिजवान मिल कर धर्मान्तरण का काम करते थे.
  • रिजवान मौलवी की तरह काम करता था.
  • उनके ठहरने-खाने-पीने का इंतजाम करता था.
  • साथ ही उनकी शादी और धर्मान्तरण से जुड़े कागज़ातों के इंतजाम का जिम्मा भी रिजवान पर था.
  • इसके बाद रिजवान इस पूरे काम का बिल आर्शी को भेज देता था.
  • आर्शी जाकिर नाईक के फाउंडेशन से पेमेंट करवाता था.

गृह मंत्रालय जवाब ने नहीं था संतुष्ट:

  • जाँच के दौरान मंत्रालय फाउंडेशन के जवाबों से संतुष्ट नही था.
  • जिसके बाद प्रतिबन्ध लगाने के फैसला किया गया.
  • मंत्रालय ने पाया है कि फाउंडेशन का संबंध पीस टीवी से था.
  • फोरेन अकाउंट के माध्यम से जाकिर द्वारा पीस टीवी को पैसा भेजने की बात भी सामने आई है.
  • जिसके बाद मंत्रालय ने FCRA लाइसेंस रद्द करने के लिए फाउंडेशन को नोटिस भी भेज दिया.

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