हाल ही में तीन साल के लंबे इंतजार के बाद भारत के मानवरहित लड़ाकू विमान रुस्तम-2 ने अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक भारी है. कम ऊंचाई पर उड़ने वाले एवं लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले इस विमान को बेंगलूरु से 200 किमी. की दूरी पर स्थित छल्लाकरे में उड़ाया गया.
डीआरडीओ द्वारा किया गया है विकसित :
- बताया जाता है कि रुस्तम-2 को पहले 2013 में अपनी पहली उड़ान भरनी थी.
- परंतु सेना के इजराइल में कुछ डील रुकने के कारण यह पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाया था.
- रुस्तम-2 अन्य मानव रहित लड़ाकू विमानों को पूरी टक्कर देता है.
- इसके पंखो की लंबाई 20 मीटर तक है जिसके कारण यह 24-30 घंटे तक हवा में रह सकता है.
- डीआरडीओ द्वारा विकसित यह विमान कम ऊंचाई पर उड़ कर लंबी दूरी तक हमला कर सकता है.
- इसे विकसित करने वाली संस्था एडीए ने कहा कि रूस्तम-2 की पहली उड़ान सफल रही.
- गौरतलब है कि इस विमान को उड़ान भरने के लिए अन्य लड़ाकू विमानों के विपरीत सिर्फ हवाई पट्टी की जरूरत है.
- रुस्तम-1 के मुकाबले यह विमान अधिक डिजिटल सुविधाओं और मजबूत नैविगेशन सिस्टम से लैस है.
- एडीए ने कहा कि ऑटोमेटिक टेकऑफ और लैंडिंग के मामले में यह विमान दुनिया के बेहतरीन विमानों में से एक है.
- इसके साथ ही वह उम्मीद करते है कि उन्हें जल्द ही तीनों से इस लड़ाकू विमानों के ऑर्डर मिलेगें.
- आपको बता दें कि इससे पहले सेना डीआरडीओ को लड़ाकू विमानों के लगातार क्रैश होने की शिकायत कर चुका है.
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