उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमेशा बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश की हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने अभियान के समय किये गए वादे, जैसे कि- मुफ्त लैपटॉप, बेरोजगारी भत्ता, आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की उच्च शिक्षा और उनकी शादी के मौद्रिक भत्ता प्रदान करने आदि को पूरा करने की भरसक कोशिश की, बल्कि जरूरतमंदों और गरीबों की मदद के लिए हमेशा स्वयं सामने आते रहे हैं।
कुछ ऐसी ही घटनाएँ जिनका संज्ञान लिया स्वयं मुख्यमंत्री ने:
मार्च 2016: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा बेघर गरीबों के घर बनाने के लिए 24 हजार रुपये तक के चेक दिए गए। लाभार्थियों ने चेक लेने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लम्बी उम्र की कामना की।
फरवरी 2016: लखनऊ के इंदिरा नगर में एक बुजुर्ग को डीआईजी के थप्पड़ मारने की घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीआईजी को सस्पेंड कर दिया है। एक छोटी सी दुकान चलाने वाले बुजुर्ग पीके तिवारी दुकान के बाहर कुछ प्लास्टिक के सामान रखे हुए थे। तभी डीआईजी इलाके में अतिक्रमण हटवाने आये और उन्हें थप्पड़ मार दिया।
दिसंबर 2015: बरौला में आर्थिक रूप से कमजोर युवती ने अपनी शादी के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक मदद की गुहार लगाई थी। सोशल मीडिया पर जब मामला सामने आया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तुरंत मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत पांच लाख रुपये का चेक बरौला स्थित युवती के घर भिजवाया।
सितम्बर 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा के फुटपाथ पर रोजी-रोटी कमाने वाले एक छात्र हरेन्द्र को अपने घर बुलाकर सम्मानित किया और उसे पांच लाख रुपये की मदद दी।
सितम्बर 2015: लखनऊ के GPO में दरोगा की दबंगई का शिकार टाइपिस्ट बाबा के नाम से मशहूर हुए बुजुर्ग कृष्ण कुमार की मदद के लिए अखिलेश यादव ने बुजुर्ग के घर पर नया टाइपराइटर भिजवाया और आरोपी दरोगा को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा कृष्ण कुमार को 1 लाख रूपये देने का एलान भी किया गया।
अगस्त 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ, रामपुर, कन्नौज, बदायू, इटावा और मैनपुरी के सौ रिक्शा चालकों को बैटरी चालित रिक्शा मुफ्त में दिए।
जून 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की इंट्रेंस एक्जाम में अच्छी रैंक से उत्तीर्ण होने वाले प्रतापगढ़ के मजदूर परिवार के दो छात्रों समेत तीन गरीब मेधावियों को एक-एक लाख रुपये के चेक और एक-एक लैपटाप दिया। मुख्यमंत्री ने दोनों छात्रों के दाखिले और पढ़ाई का खर्च उठाये जाने का एलान किया था।