शराब कारोबारी विजय माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने 4000 करोड़ रूपए का कर्ज चुकाने का प्रस्ताव पेश किया। माल्या के वकील ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के सामने प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में इस साल सितंबर तक कर्ज लौटाने की पेशकश की गई है।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के खिलाफ फर्जीवाड़े का केस दर्ज कराने वाले 17 बैंकों के ग्रुप को एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने को कहा है। बता दें कि, माल्या पर 17 बैंकों के ग्रुप का 9000 करोड़ रूपए का कर्ज है।
आज सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने कोर्ट में प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें विजय माल्या ने कहा, ‘ मैं बैंकों को 6903 करोड़ रुपये लौटाने का प्रस्ताव देता हूं जिसके तहत 4000 करोड़ रुपये सितंबर 2016 तक जमा कर दिए जाएंगे।’कोर्ट ने माल्या के वकील से पूछा कि वह कहां है और क्या वह भारत लौट आए हैं। फिर इसके जवाब में माल्या के वकील ने कहा, मौजूदा हालातों के चलते विजय माल्या का भारत आना संभव नहीं है।
इसी बीच बैंकों के वकील ने कोर्ट में कहा, अगर विजय माल्या भारत आ जाते हैं तो बातचीत करने में आसानी रहेगी।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।
कोर्ट ने बैंकों को कहा, अगली सुनवाई तक वह माल्या के प्रस्ताव पर विचार करें। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि, अगर बैंक माल्या के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं तो व इसे खारिज भी कर सकते हैं।
माल्या के वकील ने कोर्ट में मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, यह मामला मीडिया की वजह से अधिक उलझ गया है और इसमें दिक्कतें आ रही हैं। जिस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि, मीडिया जनहित में काम कर रहा है। मीडिया सिर्फ इस बात पर रूचि ले रहा है कि पैसे वापस आएं।